केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने विशाखापत्तनम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नौ हवाई अड्डों के लिए डिजी यात्रा सुविधा का उद्घाटन किया और एएआई के आठ अन्य हवाई अड्डों, अर्थात् कोयंबटूर, डाबोलिम, इंदौर, बागडोगरा, रांची, पटना, रायपुर और भुवनेश्वर हवाई अड्डों के लिए इस सुविधा का वर्चुअली शुभारंभ किया।लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, उड्डयन मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे डिजी यात्रा हवाई अड्डे की भीड़ को नेविगेट करते समय कई दस्तावेजों-बोर्डिंग पास, आईडी प्रूफ और लगेज टैग के प्रबंधन के बोझिल कार्य को सरल बनाती है। एक यात्री के लिए हवाई अड्डे में प्रवेश का समय मैन्युअल प्रक्रिया में औसतन 15 सेकंड से घटकर 5 सेकंड हो गया है। 55 लाख से अधिक उपयोगकर्ता पहले ही ऐप डाउनलोड कर चुके हैं, और 3 करोड़ से अधिक यात्रियों ने यात्रा करने के लिए डिजी यात्रा का उपयोग किया है। 1 दिसंबर, 2022 को तीन हवाई अड्डों, नई दिल्ली, वाराणसी और बेंगलुरु में पहली डिजी यात्रा सुविधा के शुभारंभ के बाद से, डिजी यात्रा-सक्षम हवाई अड्डों की कुल संख्या चौबीस हो जाएगी, जिसमें आज के नौ हवाई अड्डे शामिल हैं। मंत्री ने डिजी यात्रा की शुरूआत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “इसकी शुरूआत कोविड-19 महामारी के दौरान बहुत सही समय पर हुई, जब शारीरिक संपर्क को कम करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई थी। डिजी यात्रा ने प्रमुख हवाई अड्डों की चौकियों पर संपर्क रहित और कागज रहित प्रसंस्करण की पेशकश की। अपनी स्थापना के बाद से, इस प्रणाली ने हवाई अड्डों पर प्रतिदिन हजारों शीट कागज बचाने में मदद की है, जो विमानन क्षेत्र में सतत विकास के हमारे व्यापक लक्ष्य का समर्थन करता है।” डेटा सुरक्षा के मुद्दे पर, नायडू ने सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, “यहां तक कि लोकसभा के पटल पर भी, मैंने इस बात पर जोर दिया है कि डिजी यात्रा मजबूत डेटा सुरक्षा की नींव पर बनी है। आज भी, मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि यात्रियों की व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (PII) का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं है। सभी यात्रियों का डेटा एन्क्रिप्ट किया जाता है और उनके स्मार्टफ़ोन में सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाता है, केवल अस्थायी रूप से मूल हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है, और प्रस्थान के 24 घंटे के भीतर नष्ट कर दिया जाता है। प्रत्येक यात्री की गोपनीयता हमारे लिए सर्वोपरि है, और नागरिक उड्डयन मंत्रालय इससे समझौता नहीं करेगा। डिजी यात्रा सरकार की एक परिवर्तनकारी डिजिटल पहल है, जो फेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (FRT) पर आधारित हवाई अड्डों पर सहज, संपर्क रहित और कागज रहित बोर्डिंग के साथ यात्री अनुभव को बढ़ाती है। यह यात्रियों को उनकी पहचान और यात्रा विवरण को मान्य करने के लिए चेहरे की विशेषताओं का उपयोग करके कागज रहित और संपर्क रहित प्रसंस्करण के माध्यम से हवाई अड्डों पर विभिन्न चौकियों से गुजरने में मदद करता है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल और केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुलनम भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश विधान सभा के सदस्य नायडू (गण बाबू), नागरिक उड्डयन मंत्रालय के डीडीजी पी.के. ठाकुर तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एएआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।