डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना छतरपुर के सतबरी वन क्षेत्र में पेड़ काटे : आप पैनल

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन की एक तथ्यान्वेषी टीम ने छतरपुर के सतबरी वन क्षेत्र का दौरा किया। आप टीम ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के एलजी के आदेश पर इस क्षेत्र में 1100 पेड़ काटे गए। तथ्यान्वेषी टीम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद डीडीए यहां काम कर रहा है। वह यहां से पेड़ों की जड़ें और तने गायब कर रहा है, ताकि काटे गए पेड़ों की सही गिनती न हो सके। डीडीए यहां जंगल काटकर सड़क बना रहा है। इस सड़क के दूसरी तरफ फार्महाउस हैं, उनकी जमीन का इस्तेमाल करके भी सड़क को चौड़ा किया जा सकता था, लेकिन डीडीए ने अवैध रूप से जंगल काट दिया।

भारद्वाज ने कहा, “गांव वालों ने मुझे बताया कि जिस सड़क पर हम खड़े हैं, वह जंगल के बीच में नई बनी है। वहां बहुत सारे पेड़ थे। सुप्रीम कोर्ट ने यहां काम पर रोक लगा रखी है, फिर भी आप देख सकते हैं कि काम अभी भी चल रहा है।”

सतबरी वन क्षेत्र में गौशाला रोड को चौड़ा करने के लिए सैकड़ों पेड़ काटे गए, जबकि फार्म हाउस की जमीन अधिग्रहित की जा सकती थी। इससे बड़े फार्म हाउस मालिकों को फायदा हुआ है। इस सड़क को देखकर साफ पता चलता है कि बड़े फार्म हाउस के मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए हरे-भरे जंगल को काटा गया। इसमें भ्रष्टाचार की बड़ी संभावना है, इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को पता है कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 3 फरवरी 2024 को यहां का दौरा किया था और पेड़ों को काटने के मौखिक आदेश दिए थे।

भारद्वाज ने यह भी आरोप लगाया कि – जो एनजीओ माननीय सुप्रीम कोर्ट में जंगलों को बचाने के लिए लड़ रहा है, उसे दिल्ली पुलिस परेशान कर रही है। भारद्वाज ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली पुलिस सीधे एलजी के अधीन है और आरोप हैं कि एलजी के निर्देश पर सतबरी रिज में पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया।” भारद्वाज ने दावा किया कि “यह सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है कि दिल्ली के एलजी ने 3 फरवरी, 2024 को यहां अपने दौरे के दौरान पेड़ों को काटने का मौखिक आदेश दिया था।”

जल मंत्री आतिशी ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि रिज क्षेत्र में इतने सारे पेड़ काटे गए हैं। उन्होंने कहा, “इस साल दिल्ली में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में प्रदूषण की समस्या है, ऐसे में अगर शहर के संवेदनशील इकोसिस्टम जोन में अवैध रूप से पेड़ काटे जाएंगे और यह काम सर्वोच्च अधिकारी की निगरानी में होगा तो लोगों के हितों का ख्याल कौन रखेगा।” मंत्री ने कहा कि पेड़ों की “अवैध” कटाई में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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