तनाव के बीच अमेरिका ने कई चीनी छात्रों के वीजा अनुरोध ठुकराए

वाशिंगटन, एक सेमेस्टर ऑनलाइन पढ़ाई के बाद वांग जिवेई सेंट लुइस में वाशिंगटन विश्वविद्यालय परिसर में आ रहे अपने सहपाठियों से मिलने के लिए उत्साहित था लेकिन 23 साल के वित्तीय शिक्षा के छात्र ने कहा कि अमेरिका ने सुरक्षा आधार पर उसका छात्र वीजा निरस्त कर दिया है।

चीन सरकार का कहना है कि वांग कम से कम उन 500 छात्रों में एक से हैं जिनके वीजा संभावित सैन्य इस्तेमाल के लिए अमेरिकी प्रौद्योगिकी हासिल करने से बीजिंग को रोकने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी नीति के अनुसार निरस्त कर दिए गए हैं।

वांग ने कहा, ‘‘सारी चीजें बकवास हैं। हम वित्तीय शिक्षा के छात्रों का सेना से क्या लेना देना?’’

दरअसल, प्रौद्योगिकी और शिक्षा, बीजिंग की सैन्य बढ़त, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, मानवाधिकार और दक्षिण चीन सागर तथा अन्य क्षेत्र के विवादित दावों को लेकर अमेरिका और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं।

इस नीति के तहत उन लोगों को वीजा देने पर रोक लगायी गयी है जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा जनमुक्ति सेना या उन विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं जिन्हें वाशिंगटन ने सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा बताया है।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उनका मानना है कि हजारों चीनी छात्र और शोधकर्ता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हैं जिससे वह चीन को चिकित्सा, कम्प्यूटर और अन्य संवेदनशील जानकारी दे सकते हैं।

वाशिंगटन ने बीजिंग की ‘‘नागरिक-सैन्य संयोजन’’ की नीति का हवाला दिया जिसके बारे में उसका कहना है कि यह निजी कंपनियों और विश्वविद्यालयों को चीनी सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए एक संपत्ति मानता है।

विदेश विभाग ने 2020 में एक रिपोर्ट में कहा था, ‘‘संयुक्त शोध संस्थान, शिक्षा जगत और निजी कंपनियों का पीएलए की भविष्य की सैन्य प्रणालियां बनाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है और वो भी अकसर उनकी जानकारी या सहमति के बिना।’’

राष्ट्रपति जो बाइडन ने अभी कोई संकेत नहीं दिया है कि वह क्या कर सकते हैं।

शंघाई के ऑनलाइन समाचार संगठन ‘द पेपर’ ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन से वीजा पाबंदियों को हटाने की अपील की थी।

बीजिंग में अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा था कि ‘‘अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा’’ करने के लिए यह नीति अनिवार्य है। उसने कहा कि यह नीति ‘‘वीजा प्रक्रिया के कुछ दुरुपयोग’’ का जवाब है।

दूतावास ने बताया कि पिछले चार महीनों में चीनी छात्रों के लिए 85,000 से अधिक वीजा को मंजूरी दी गयी है। उसने कहा, ‘‘यह संख्या स्पष्ट रूप से दिखाती है कि अमेरिका चीनी छात्रों और शोधार्थी समेत उन सभी लोगों को वीजा जारी करने के लिए तैयार है जो योग्य हैं।’’

अमेरिका के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में सबसे अधिक विदेशी छात्र चीन के हैं।

एक सरकारी विमान निर्माता कंपनी में इंजीनियर ने कहा कि उनके अपनी पत्नी के पास जाने के वीजा अनुरोध को ठुकरा दिया गया जो कैलिफोर्निया में बाल कैंसर चिकित्सा की पढ़ाई कर रही है। इंजीनियर ने चीन के उत्तरपूर्व में हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक की डिग्री हासिल की है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अपमान किया गया। चूंकि मैंने इस संस्थान से डिग्री हासिल की है तो क्या इसका मतलब यह है कि मैं जासूस हूं? इसमें और नस्लवाद में क्या फर्क है?’’

कई छात्रों के वीजा अनुरोध को ठुकराने के पत्र में ट्रंप के आदेश का हवाला दिया गया है लेकिन फैसले की जानकारियां नहीं दी गयी। हालांकि, कुछ छात्रों का कहना है कि उनका वीजा यह जानने के तुरंत बाद खारिज कर दिया गया कि वे किस विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके हैं।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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