दलित, पिछड़ा वर्ग समुदायों के संतों ने सिद्धरमैया को बिना शर्त नैतिक समर्थन की घोषणा की

बेंगलुरु दलित और पिछड़ा वर्ग समुदायों के संतों के संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से मुलाकात की और मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ‘घोटाले’ के सिलसिले में राज्यपाल द्वारा उनके खिलाफ मुकदमे की मंजूरी दिए जाने के मद्देनजर उनके (सिद्धरमैया के) ‘‘बिना शर्त नैतिक समर्थन’’ की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा ‘‘सरकार को अस्थिर करने की केंद्र सरकार और राजभवन की साजिशों की कड़ी निंदा करते हुए कई स्वामीजी ने घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के पक्ष में इस साजिश के खिलाफ एकजुटता से लड़ेंगे।’’ बयान के अनुसार मुख्यमंत्री से मिलने वाले संतों के प्रतिनिधिमंडल में कागिनेले कनक गुरु पीठ के जगद्गुरु श्री निरंजनानंद पुरी स्वामीजी श्री जगद्गुरु कुंचितिगा महासंस्थान मठ के जगद्गुरु श्री शांतावीरा महास्वामीजी भोवी गुरुपीठ- चित्रदुर्ग के जगद्गुरु श्री इम्मादी सिद्धरामेश्वर स्वामीजी मदारा चेन्नैया गुरुपीठ के जगद्गुरु श्री बसवमूर्ति मदारा चेन्नैया महास्वामी सहित कई अन्य संत शामिल हैं। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को एमयूडीए भूखंड आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। हालांकि उच्च न्यायालय ने 19 अगस्त को विशेष अदालत को कथित एमयूडीए भूखंड आवंटन ‘घोटाले’ में मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्यवाही सुनवाई की अगली तारीख 29 अगस्त तक स्थगित करने का निर्देश दिया।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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