दिल्ली की अदालत ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

याचिका खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने कहा, “जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले ही 18 अक्टूबर, 2022 के आदेश के तहत आवेदक (खालिद) की आपराधिक अपील को खारिज कर दिया है और उसके बाद आवेदक ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपनी याचिका वापस ले ली, तो 24 मार्च, 2022 को पारित इस अदालत का आदेश अंतिम हो गया है और अब यह अदालत किसी भी कल्पना में आवेदक द्वारा वांछित मामले के तथ्यों का विश्लेषण नहीं कर सकती है और उसके द्वारा मांगी गई राहत पर विचार नहीं कर सकती है।” विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद की दलीलों पर ध्यान देते हुए अदालत ने कहा कि “दिल्ली पुलिस द्वारा आरोप तय करने और मुकदमा शुरू करने में कोई देरी नहीं हुई है। 

खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 16, 17 और 18, शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25 और 27 तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

PC:https://en.wikipedia.org/wiki/Umar_Khalid#/media/File:Umar_khalid.jpg

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