दिल्ली में ‘इन्फ्लूएंजा’ के अधिक मामले नहीं, लेकिन हम सतर्क हैं: भारद्वाज

नयी दिल्ली, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शहर की सरकार ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी में ‘इन्फ्लूएंजा’ वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए शीघ्र जांच करने का निर्देश दिया है। भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘इन्फ्लुएंजा’ वायरस के मामले मार्च के अंत तक आमतौर पर कम हो जाते हैं लेकिन, इस बार देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में इसके मामले सामने आए हैं।

भारद्वाज ने कहा कि सरकार की मास्क पहनना अनिवार्य करने की कोई योजना नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने, बार-बार हाथ धोने आदि जैसे एहतियाती कदम उठाने पर अभी ध्यान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जिन लोगों को गंभीर अस्थमा या कोविड-19 है, वे सबसे अधिक इन्फ्लुएंजा की चपेट में आए। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।’’

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ने छह राज्यों को कोविड परामर्श जारी किया है, उसमें दिल्ली शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि हम इन्फ्लुएंजा को फैलने से रोकने के लिए परामर्श जारी कर रहे हैं। इन एहतियाती उपायों का कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा के मामलों में पालन किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जिला निगरानी इकाइयों, स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी अस्पतालों के अधिकारियों को दैनिक आधार पर स्थिति की निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों को मामलों का पता लगाने के लिए यह सुनिश्चित करने कहा गया है कि जांच शीघ्र की जाए।’’

भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में इन्फ्लूएंजा ज्यादा मामले नहीं हैं लेकिन हम सतर्क हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार जागरूकता फैलाने के लिए समाचार पत्रों और एफएम रेडियो चैनल पर विज्ञापन जारी करेगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है कि भारत में इन्फ्लूएंजा के मामले ‘इन्फ्लूएंजा ए’ के उपस्वरूप ‘एच3एन2’ के कारण बढ़ रहे हैं। ‘इन्फ्लूएंजा ए’ के किसी अन्य उपस्वरूप की तुलना में ‘एच3एन2’ से पीड़ित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर अधिक है। नाक बहना, लगातार खांसी और बुखार इसके लक्षणों में शामिल है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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