दुनिया के किसी भी हिस्से में अत्याचार, उत्पीड़न से भारत प्रभावित होता है : राजनाथ

नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को 1971 के भारत-पाक युद्ध के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानता है और इसलिए वह स्पष्ट रूप से इसके किसी भी हिस्से में उत्पीड़न और अत्याचार से प्रभावित होता है।

सिंह ने “हीरोज ऑफ 1971” नामक एक किताब का विमोचन करने के बाद कहा कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में जो कुछ भी हो रहा था, उससे भारतीय संवेदनाएं प्रभावित हो रही थीं।

उन्होंने कहा, “हमें वहां हो रहे उत्पीड़न और अत्याचार और जिस तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा था, उससे दुख हुआ।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि न केवल भारत के लोग, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले भी पूर्वी पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा था उससे प्रभावित थे।

उन्होंने कहा, “लोगों को लगा कि अन्याय हो रहा है। उस समय भारत ने फैसला किया कि इसका विरोध किया जाना चाहिए और इसलिए, भारत ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।”

गौरतलब है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत ने बांग्लादेश की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया।

सिंह ने कहा कि भारत ने मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए युद्ध जीता, न कि वहां शासन करने के लिए।

उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तान की एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं करना चाहते थे…यह एक न्यायसंगत युद्ध था।”

सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जो न केवल अपनी सीमाओं के भीतर रहने वाले लोगों को बल्कि दुनिया भर में रहने वाले लोगों को परिवार का सदस्य मानता है।

उन्होंने कहा, “वसुधैव कुटुम्बकम (पूरा विश्व एक परिवार है)- अगर कोई एक देश है जिसने यह संदेश दिया है, तो वह भारत है।”

रक्षा मंत्री ने कहा, “पूरी दुनिया को अपना परिवार मानने वाला भारत जाहिर तौर पर उसके किसी भी हिस्से में होने वाले उत्पीड़न और अत्याचार से प्रभावित होता है।”

सिंह ने कहा, “हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहे हैं और इसके एक हिस्से के रूप में हमने बृहस्पतिवार को तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की।”

उन्होंने कहा कि भारत का कभी कोई विस्तारवादी एजेंडा नहीं था और न ही होगा। उन्होंने कहा, “हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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