धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण, नेता प्रतिपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है: कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण दिखाई देता है तथा हालत यह है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने नहीं दिया जाता तथा उनका माइक बंद कर दिया जाता है। सदन में पार्टी के उप नेता प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा कि सदन के भीतर सरकार की तरफ से (विपक्ष के आचरण के खिलाफ) निंदा प्रस्ताव लाया जाना इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार का रवैया तानाशाही भरा है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद घनश्याम तिवाड़ी की खरगे के बारे में की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए संवाददाताओं से कहा ‘‘भाजपा के सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए जिन शब्दों का चयन किया वो अच्छे नहीं थे। ना भाव-भंगिमा अच्छी थी और ना ही टोन अच्छी थी। यह अपमानजनक और अस्वीकार्य है। इस पर नेता प्रतिपक्ष द्वारा एक विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया गया था।’’ उनका कहना था ‘‘इस मामले में कहा गया कि तिवाड़ी ने चैंबर में कहा था कि जो कुछ गलत हुआ उसके लिए माफी मांगने को तैयार हूं। हम यह चाहते थे कि तिवाड़ी जी यही बात सदन में कह दें। जया बच्चन जी द्वारा मुद्दा उठाने के बाद सरकार द्वारा निंदा प्रस्ताव लाया गया। उन्होंने कहा ‘‘हम लोकतांत्रिक तरीके से जनता की आवाज उठाते रहेंगे लेकिन सरकार जो निंदा प्रस्ताव लाई है वो दिखाता है कि इनका रवैया तानाशाही भरा है।’’ राज्यसभा में समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के बोलने के लहजे पर आपत्ति जताई जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। सभापति ने विपक्ष को मर्यादित आचरण करने के लिए कहा। वहीं विपक्षी सदस्यों ने अपनी बात रखने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया। प्रमोद तिवारी ने कहा ‘‘ये संसदीय परंपरा है कि सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष और नेता सदन को अपनी बात रखने को लेकर प्राथमिकता मिलती है। लेकिन काफी दिनों से ऐसा हो रहा है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिलती। उनका माइक बंद कर दिया जाता है।’’ उनका कहना था ‘‘अगर हम देश की जनता के अधिकारों की आवाज सदन में नहीं उठा सकते तो यह लोकतंत्र का हनन है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा ‘‘आज राज्यसभा में जो भी हुआ वह अप्रत्याशित था। तमाम विपक्षी पार्टियों को लगा कि सभापति महोदय का रवैया पक्षपातपूर्ण है। राज्यसभा एक मापदंड तय करता है कि सभी सदनों को किस तरह से चलाया जाए। ऐसे में वहां पर सभापति जी को किसी भी पक्ष का साथ नहीं देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अगर सदन के अंदर विपक्ष की आवाज नहीं गूंजेगी तो लोकतंत्र कैसे चलेगा।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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