भुवनेश्वर, निर्वाचन आयोग (ईसी) की एक टीम चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए 13 सितंबर को ओडिशा का दौरा करेगी। इस दौरे से राज्य में विधानसभा चुनाव अपने निर्धारित समय से पहले होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) निकुंज बिहारी ढल ने मंगलवार को कहा कि आयोग की टीम के दौरे का समयपूर्व चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। राज्य के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों – बीजू जनता दल, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने जोर दिया कि राज्य में चुनाव जब कभी हों, वे इसके लिए तैयार हैं। निर्वाचन आयोग की टीम 13 सितंबर को सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक करेगी। उन्होंने कहा, “अक्टूबर में ईवीएम और वीवीपैट की जांच की जाएगी और यह प्रक्रिया 15 नवंबर तक पूरी हो जाएगी। लेकिन इस प्रक्रिया या ईसीआई टीम के राज्य दौरे का समयपूर्व चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव अपने तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे।” राजनीतिक दलों, खासकर भाजपा और कांग्रेस का अनुमान है कि ओडिशा में भी इस साल के अंत में पांच अन्य राज्यों के साथ चुनाव हो सकते हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राज्य के पहले नेताओं में थे जिन्होंने हाल के दिनों में कहा था कि सत्तारूढ़ बीजद राज्य में जल्द चुनाव की मांग कर सकता है। राज्य में 2004 में निर्धारित समय से पहले चुनाव हुए थे। बीजद नेताओं ने समयपूर्व चुनाव से जुड़ी अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार ने अगले साल होने वाले चुनावों से पहले कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है। बीजद विधायक डी एस मिश्रा ने कहा, “हमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि ओडिशा के लोग मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ हैं।” भाजपा विधायक मुकेश महालिंग ने भी कहा कि उनकी पार्टी किसी भी समय चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि चुनाव जब हों, उनकी पार्टी उसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग समझ गए हैं कि बीजद और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” तय कार्यक्रम के अनुसार 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा के अगला चुनाव 2024 में जून से पहले होना चाहिए।
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