नृत्य और संगीत के राष्ट्रीय उत्सव अब डिजिटल रूप में

भारतीय शास्त्रीय कला को बढ़ाने के उद्देश्य से जो पिछले बीस सालों में एक सम्मेलन बन गया था इस समय कोरोना महामारी के चलते यह सम्मेलन बहुत बड़ी कठिनाई का सामना कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब यह सम्मेलन डिजिटल रूप् में नए मंच के लिए तैयार हो गया है। वार्षिक परम्परा शृंखला-नाट्य तरंगिनी द्वारा आयोजित संगीत और नृत्य का राष्ट्रीय सम्मेलन कुचिपुड़ी विशेषज्ञ राजा राधा रेड्डी और कौशल्ला रेड्डी इस साल आनलाइन आयोजित करेंगे। परम्परा सीरीज की शुरूआत 1997 में हुई जिसमें एक ही मंच पर सर्वश्रेष्ठ कलाकार लाने का इरादा किया था।

पंडित हरिप्रसाद चैरसिया (बांसुरी कलाकार), विदुषी किशोरी अमोनकर (गायक), वैजयंतीमाला बाली (भरतनाट्यम अभिनेता), एल सुब्रमण्यम (कार्निवाल गायक वायलिन वादक), विक्कू विनायकराम (परकशनिस्ट-घाटम)।

अब इन्हीं प्रदर्शनों की यादों को पहली बार कुछ लोग दोबारा से देख सकेंगे उनके पिछले प्रदर्शन के इतिहास को यूट्यूब चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा। भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आडियोविजुअल हेरिटेज उत्सव के लिए विश्व दिवस के रूप में निरूपित करते हुए महीने भर चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा 30 अक्टूबर से हाल ही हुई बातचीत का सीधा प्रसारण होगा और हर सप्ताह के अंत में शास्त्रीय संगीत के प्रदर्शनों के अविश्वसनीय प्रदर्शन को रिकार्ड किया जाएगा।

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