नेपाल और भारत के बीच मुद्दों को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए : प्रचंड

नयी दिल्ली, नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा है कि भारत और नेपाल को द्विपक्षीय सहयोग की पूर्ण संभावनाओं के दोहन के लिए‘‘इतिहास द्वारा छोड़े गए कुछ मुद्दों’’ को कूटनीतिक तरीके से सुलझाने की आवश्यकता है।

भारत की यात्रा पर आये प्रचंड ने दिल्ली में शनिवार शाम को एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान खासतौर पर 1950 की भारत-नेपाल मैत्री संधि, सीमा मुद्दे और ईपीजी (प्रतिष्ठित व्यक्ति समूह) रिपोर्ट से संबंधित मामलों को हल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के अध्यक्ष प्रचंड भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के निमंत्रण पर 15 से 17 जुलाई तक तीन दिवसीय भारत यात्रा पर थे।

उन्होंने अपने संबोधन में भारत-नेपाल संबंधों पर कहा, ‘‘1950 की संधि, सीमा मुद्दे और ईपीजी रिपोर्ट से संबंधित मामलों को राजनयिक प्रयासों और बातचीत के माध्यम से हल करने की आवश्यकता है। अच्छा पड़ोसी होने की भावना के साथ हम अपने संबंधों को समस्या मुक्त बना सकते हैं।’’

नेपाल ने 2020 में एक नया राजनीतिक नक्शा प्रकाशित किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इस नक्शे में भारत के तीन क्षेत्रों – लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख – को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था।

भारत ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ करार दिया था।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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