न्यायालय ने पटाखों की लड़ियों, बेरियम युक्त पटाखों के निर्माण की अनुमति संबंधी याचिकाएं खारिज कीं

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने पटाखों की लड़ियों और बेरियम युक्त पटाखों के निर्माण एवं बिक्री की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं। न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने कहा कि न्यायालय ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए पारंपरिक पटाखे जलाने को लेकर, अपने 2018 के प्रतिबंध और निर्देशों को दोहराया है। पीठ ने कहा, ‘‘हम पटाखों की लड़ियों और बेरियम युक्त पटाखों के निर्माण एवं बिक्री की अनुमति दिए जाने का अनुरोध करने वाली दो याचिकाएं खारिज कर रहे हैं। हमने 2018 के निर्देशों में हस्तक्षेप नहीं किया है और उन्हें दोहराया है।’’ उसने कहा कि संबंधित प्राधिकारियों को निर्देशों का पालन करना होगा। न्यायालय ने 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस को किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री और भंडारण के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी न करने का निर्देश दिया था। उसने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ‘बेरियम’ युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उसने कहा था कि जब दिल्ली सकरार ने सभी पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया है, तो उनके हरित होने या नहीं होने के आधार पर उनमें कोई भेद नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में 2018 में पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था और केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति दी थी।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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