परिजनों का दावा- मध्‍याह्न भोजन के पैकेट में मरा हुआ सांप

सांगली  पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक आंगनवाड़ी में मध्याह्न भोजन योजना के तहत वितरित किए गए भोजन के पैकेट में कथित तौर पर एक छोटा मरा सांप निकला है  जिसके बाद अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।

            मध्याह्न भोजन योजना के तहत नर्सरी स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्रों में छह माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चों को भोजन दिया जाता है।  राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की उपाध्यक्ष आनंदी भोसले ने बताया कि पलुस में एक बच्चे के माता-पिता ने इस घटना की सूचना दी।

             कांग्रेस नेता एवं पलुस-केडागांव के विधायक विश्वजीत कदम ने इस घटना को ‘गंभीर’ करार देते हुए इस मुद्दे को राज्य विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र में उठाया। उन्होंने इस मामले में गहन जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

            जिले के अधिकारियों ने बताया कि बच्चे के परिजनों ने सांप की फोटो खींचकर उसे स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भेजा। उन्होंने बताया कि भोजन के पैकेट से खाद्य पदार्थ के नमूने एकत्र कर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया गया है।

             भोसले ने कहा  ‘‘आंगनबाड़ी में मध्याह्न भोजन योजना के तहत भोजन के पैकेट बांटे जाते हैं  जिसमें पहले से तैयार दाल-खिचड़ी होती है। आंगनबाड़ी पहुंचने के बाद इन पैकेट को परिवारों को वितरित किया जाता है। सोमवार को भी पलुस में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भोजन के पैकेट वितरित किए गए। एक बच्चे के माता-पिता ने दावा किया कि उन्हें जो पैकेट मिला  उसमें एक छोटा मरा हुआ सांप था।’’

             उन्होंने बताया कि अभिभावक ने सांप की फोटो खींचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी भेजी। उन्होंने कहा  ‘‘जब तक कार्यकर्ता ने हमारे जिला सेविका समूह को फोटो भेजी  तब तक अभिभावक सांप को नष्ट कर चुके थे।’’ भोसले ने बताया कि दो जुलाई को हुई बैठक में भी इस मामले को रखा गया और सांगली जिला परिषद के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं महिला एवं बाल कल्याण तथा आंगनबाड़ी प्रभाग के प्रमुख संदीप यादव को इस बारे में अवगत कराया।

             उन्होंने बताया कि जिस जगह गोदम में भोजन के पैकेट रखे जाते हैं  उसे कथित तौर पर सील कर दिया गया है। भोसले ने यह भी दावा किया कि पहले से तैयार भोजन के पैकेट की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के बारे में शिकायतें मिली हैं।

             संपर्क करने पर यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जांच के दौरान अधिकारियों को पता चला कि परिजनों ने पैकेट में मिली कथित मृत चीज को फेंक दिया।

             उन्होंने बताया  ‘‘ठेकेदार द्वारा ये पैकेट सीधे आंगनबाड़ियों में भेजे जाते हैं और वहां से इन्हें दो से तीन दिन में लाभार्थियों को वितरित कर दिया जाता है… इस मामले में न तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और न ही किसी जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी ने उस चीज को देखा  केवल अभिभावक ने ही इस बारे में दावा किया है।’’

              उन्होंने कहा  ‘‘अभिभावकों द्वारा खींची गई फोटो के आधार पर पैकेट के भोजन के नमूने एकत्र किए गए हैं और जांच शुरू कर दी गई है। 

             यादव ने इस बात की पुष्टि की कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने पैकेट से खाद्य पदार्थ के नमूने एकत्र कर उन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है।

             विधायक कदम ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर कहा  ‘‘मध्‍याह्न भोजन योजना के तहत दिए जाने वाले भोजन में एक मरा हुआ सांप मिलना  एक गंभीर मामला है। सरकार को पता होना चाहिए यह गर्भवती महिलाओं और बच्चों की जान के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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