कोलकाता पड़ोसी देश बांग्लादेश में फैली व्यापक अशांति एवं अस्थिरता की वजह से पश्चिम बंगाल के रास्ते होने वाला सीमापार व्यापार मंगलवार को भी पूरी तरह ठप रहा। बांग्लादेश में एक महीने से अधिक समय से जारी आरक्षण-विरोधी आंदोलन के हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह से चौतरफा अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है। पश्चिम बंगाल निर्यातक समन्वय समिति के सचिव उज्जल साहा ने कहा कि राज्य में भूमि बंदरगाहों के माध्यम से व्यापार बांग्लादेश के सीमा शुल्क विभाग द्वारा माल की निकासी नहीं होने से रुका हुआ है। इसकी वजह से सैकड़ों ट्रक पार्किंग स्थल में खड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल गोजाडांगा महादीपुर और फुलवारी में स्थित भूमि बंदरगाहों के जरिये होने वाला भारत-बांग्लादेश व्यापार प्रभावित हुआ है। इस दौरान कुछ यात्रियों की आवाजाही की सूचना मिली है लेकिन उनकी मौजूदगी कम बनी हुई है। साहा ने कहा कि रविवार को बांग्लादेश सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में जरूरी सेवाओं को छोड़कर बुधवार तक की छुट्टी घोषित की गई है। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित सबसे बड़े भूमि बंदरगाह पेट्रापोल से बांग्लादेश को व्यापार थम गया है। इसकी वजह यह है कि बांग्लादेश की सीमा में बेनापोल सीमा शुल्क चौकी अब भी काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए भूमि बंदरगाहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत का बांग्लादेश को निर्यात 2022-23 के 12.21 अरब डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया। इसी अवधि में आयात दो अरब डॉलर से घटकर 1.84 अरब डॉलर रह गया। भारत बांग्लादेश को मुख्य रूप से सब्जियां कॉफी चाय मसाले चीनी कन्फेक्शनरी रिफाइंड पेट्रोलियम तेल रसायन कपास लोहा और इस्पात तथा वाहनों का निर्यात करता है जबकि प्रमुख आयात मछली प्लास्टिक चमड़ा और परिधान हैं।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common