पाकिस्तान के पत्रकारों ने प्रस्तावित कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया

इस्लामाबाद, पाकिस्तान में सैकड़ों पत्रकारों ने सोमवार को एक प्रस्तावित कानून के खिलाफ संसद के सामने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि अगर इसे लागू किया जाता है तो देश में प्रेस की स्वतंत्रता में भारी कमी आएगी।

पत्रकारों ने रविवार को इस्लामाबाद में नेशनल प्रेस क्लब भवन के सामने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें मीडियाकर्मियों, कई विपक्षी दलों के सदस्यों और नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारी रात को धरना देने के लिए संसद भवन के सामने पहुंच गए, जो सोमवार तक जारी रहा जब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने वर्तमान नेशनल असेंबली के चौथे संसदीय वर्ष की शुरुआत के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।

सत्र का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी नेता भी मीडिया के विरोध में शामिल हो गए और पत्रकारों की चिंताओं का समर्थन किया।

कैबिनेट मंत्री और सरकार के प्रवक्ता हफ्तों से इस बात पर जोर दे रहे हैं कि नया कानून मीडिया कर्मियों के लिये समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करेगा और फर्जी खबरों की समस्या पर अंकुश लगाएगा।

लेकिन मीडिया नेताओं ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक से एक ऐसा कानून बनाया जाएगा, जिसके जरिये शीर्ष सैन्य अधिकारियों, न्यायाधीशों और सरकारी नेताओं के खिलाफ लिखने के लिए पत्रकारों और मीडिया घरानों को दंडित किया जाएगा।

वरिष्ठ पत्रकार मजहर अब्बास ने दुनिया न्यूज टीवी को बताया, ‘अगर सरकार वास्तव में मीडियाकर्मियों की समस्याओं का समाधान करना चाहती है, तो वह प्रस्तावित कानून के मसौदे को मीडिया पेशेवरों के साथ साझा करने में क्यों शर्मा रही है।’

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी इस पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे ‘कठोर’ नियामक ढांचा करार दिया है, जबकि वकीलों के विभिन्न बार या संघों ने नए कानून का विरोध करने वाले पत्रकारों के लिए समर्थन व्यक्त किया है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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