पुलिस बल में शामिल होने के इच्छुक व्यक्ति का चरित्र बेदाग होना चाहिए: उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोई भी व्यक्ति जो पुलिस बल में शामिल होना चाहता है, उसे बेहद ईमानदार व बेदाग चरित्र का होना चाहिए तथा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले इसके लिए अयोग्य हैं।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में कांस्टेबल के पद पर एक व्यक्ति की नियुक्ति को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।

केंद्र ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने व्यक्ति को अपहरण के एक आपराधिक मामले में बरी किए जाने के मद्देनजर उसे सीआईएसएफ में कांस्टेबल पद के लिए प्रशिक्षण में शामिल होने की अनुमति दी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि गृह मंत्रालय ने फरवरी 2012 में उन उम्मीदवारों के मामलों पर विचार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे या अदालतों द्वारा मुकदमा चलाया गया था।

उक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रतिवादी का मामला नयी दिल्ली में सीआईएसएफ मुख्यालय को भेजा गया था जिसमें स्थायी जांच समिति ने प्रतिवादी सहित 89 उम्मीदवारों के मामलों की जांच की और आदेश पारित कर प्रतिवादी को नियुक्ति के लिए अपात्र करार दिया था।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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