पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के बगैर लोकतंत्र का इतिहास अधूरा : यशवंत सिंह

लखनऊ/बलिया,  उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संरक्षक यशवंत सिंह ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का इतिहास पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के बिना पूर्ण नहीं हो सकता।

            एक आधिकारिक बयान के अनुसार  यशवंत सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर यहां  चन्द्रशेखर चबूतरा  पर आयोजित स्मृति सभा को संबोधित करते हुए कहा  “जो लोग लोकतंत्र में यकीन करते हैं  उन्हें चन्द्रशेखर को ठीक से पढ़ना चाहिए और उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।”सिंह ने 1974-1975 की याद दिलाते हुए कहा    कांग्रेस में बड़े-बड़े नेता इंदिरा गांधी की नीतियों से सहमत नहीं थे।1977 में चुनाव घोषित होने के बाद कई ने कांग्रेस से इस्तीफा भी दिया लेकिन 1974-75 में उनमें इंदिरा गांधी को टोकने की हिम्मत नहीं थी। 

            रायबरेली से इंदिरा गांधी के निर्वाचन पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय का एक फैसला आने के बाद देश में 1975 में आपातकाल लागू कर दिया गया था। पूर्व मंत्री ने कहा    ऐसे कठिन काल में चन्द्रशेखर ने इंदिरा गांधी से बार-बार कहा कि जयप्रकाश जी संत हैं  उनसे बात करिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश में सत्ता जब संतों से टकराती है तो चूर-चूर हो जाती है।  सिंह ने कहा    चंद्रशेखर ने देश पर थोपे गए आपातकाल के खिलाफ जेल में यातना सही लेकिन वह झुके नहीं। 

            स्मृति सभा की अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति की राज्य इकाई के संयोजक धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने की।इस अवसर पर विधायक बेचई सरोज  विधायक सुधाकर सिंह  पूर्व विधायक कुबेर भंडारी  वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र त्रिपाठी  राधेकृष्ण  सामाजिक सेनानी जगदीश राय समेत कई प्रमुख लोगों ने चन्द्रशेखर को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। वहीं बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पुण्यतिथि के अवसर पर जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचल तक विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिला मुख्यालय के चंद्रशेखर उद्यान में चंद्रशेखर के पौत्र विधान परिषद सदस्य रवि शंकर सिंह पप्पू के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री को पुष्पांजलि दी।

            रवि शंकर सिंह पप्पू ने इस मौके पर कहा कि चंद्रशेखर ने बलिया के एक गरीब परिवार से निकल कर प्रधानमंत्री पद को संभाला और देश में राजनीति को एक नयी दिशा दी।  चंद्रशेखर के पैतृक गांव इब्राहिमपट्टी स्थित पैतृक निवास पर भी चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस मौके पर चंद्रशेखर के भतीजे जय प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्होंने (चंद्रशेखर ने) जब प्रधानमंत्री का पद संभाला था तब देश जल रहा था लेकिन देश में कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करते हुए राष्ट्र हित में कई कठोर फैसले लिए।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: