प्रधानमंत्री ने बहुत दिनों बाद एक कुशल राजनेता की तरह संसद को संबोधित किया : सुप्रिया सुले

नयी दिल्ली,  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने महिला आरक्षण विधेयक संसद में पेश करने की वकालत करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए कि देश को पहली महिला राष्ट्रपति (प्रतिभा पाटिल), पहली महिला प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) और पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष (मीरा कुमार) कांग्रेस ने ही दी हैं, इतना ही नहीं, महिला आरक्षण विधेयक भी कांग्रेस की ओर से लाया गया था।

             उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर गौरवान्वित हैं कि उनका राज्य महाराष्ट्र महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना।  सुले ने सदन में उपाध्यक्ष का पद अब तक खाली रखे जाने को लेकर सत्ता पक्ष की आलोचना की और उससे आग्रह किया कि कल नये संसद भवन में प्रवेश करने के बाद कम से कम उपाध्यक्ष नियुक्त करने का निर्णय लिया जाना चाहिए।  उन्होंने ऐसे प्रयास की आवश्यकता भी जताई कि एक घंटे का प्रश्नकाल किसी भी प्रकार बाधित न हो। भाजपा के एक सदस्य की ओर से भ्रष्टाचार को लेकर की गयी एक टिप्पणी पर सुले ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी जांच में हम सब साथ हैं।’’ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गिरीश चंद्र ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर आंबेडकर के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज बाबासाहब की बात करने वाली कांग्रेस ने ही उन्हें सबसे अधिक परेशान किया था।

             समाजवादी पार्टी (सपा) के एस.टी. हसन ने नेहरू के शासनकाल की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘प्रथम प्रधानमंत्री ने देश को उस वक्त संभाला था, जब हमारी गाड़ियों में लकड़ी के पहिये हुआ करते थे। उन्होंने उसके बाद देश को कहां से कहां पहुंचा दिया।’ उन्होंने अपनी पार्टी के एक पूर्व सांसद (आजम खान) को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय नेता को विभिन्न मामलों में फंसाया जा रहा है।

             हसन ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसी को हिजाब से परेशानी है तो किसी को नमाज से। क्या यही बापू का संदेश था? कभी हम एक ही स्थान पर एक वक्त पूजा करते थे तो थोड़ी देर बाद नमाज पढ़ी जाती थी। आज क्या से क्या हो गया कि हम नमाज भी नहीं पढ़ सकते।’’

            कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम और कांग्रेस का इतिहास समानांतर चला। उन्होंने देश में समानता की भावना पैदा करने और पंथ-निरपेक्षता का भाव जागृत करने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों द्वारा संविधान में किये गये बदलावों का भी उल्लेख किया।  हाल के दिनों में सदन की कार्यवाही पर्याप्त न हो पाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने ऐसा कानून पारित करने की आवश्यकता जताई जिससे संसद में हर वर्ष कम से कम 120 से 130 दिन कामकाज हो।

             भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने जी20 की शुरुआती बैठकें देश के 60 शहरों में आयोजित किये जाने को ऐतिहासिक निर्णय बताया।  चर्चा में भाग लेते हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नमा नागेश्वर राव ने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार से संसद के नए भवन का नाम बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखने का आग्रह किया है।

             राव ने सरकार से आग्रह किया कि महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए।  उन्होंने दावा किया कि आज के समय में विकास के मानकों पर तेलंगाना नंबर एक राज्य है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी ने अनुच्छेद 370 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि पांच अगस्त, 2019 को इस अनुच्छेद को निरस्त करने का जिस तरह से फैसला किया गया वो अलोकतांत्रिक और संविधान के प्रतिकूल था।

             लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि देश में राष्ट्रीय युवा आयोग का गठन होना चाहिए जहां युवाओं के मुद्दों का समाधान हो।  उन्होंने कहा कि संसद में महिला आरक्षण विधेयक को लाया जाना चाहिए। पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन किया जाए ताकि वंचित समाज के लोग न्याय दिलाने की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।  शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि इस सदन को 1984 के ‘सिख नरसंहार’ की एकमत से निंदा करनी चाहिए। उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया कि महिला आरक्षण विधेयक लाया जाना चाहिए क्योंकि इस संसद में और महिलाओं की जरूरत है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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