फंसे हुए भारतीयों को लेकर ‘निर्बाध’ संवाद कायम रख रहे हैं चीन, भारत: चीनी अधिकारी

बीजिंग, चीन के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यहां कहा कि चीन और भारत कोविड-19 संबंधी मौजूदा यात्रा पाबंदियों के दौरान ‘आवश्यक लोगों’ की इस देश की यात्रा सुगम बनाने के लिए ‘निर्बाध’ राजनयिक माध्यमों से संवाद कर रहे हैं।

चीन की सरकार द्वारा 18 महीने से अधिक समय से कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए लगाई गयी वीजा और उड़ान पाबंदियों के कारण हजारों भारतीय यहां फंसे हुए हैं जिनमें 23,000 छात्र और चीन में काम करने वाले सैकड़ों लोग और उनके परिवार शामिल हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘हम बीजिंग और नयी दिल्ली दोनों में निर्बाध राजनयिक माध्यमों से संवाद कायम कर रहे हैं।’’

उनसे प्रश्न पूछा गया था कि क्या चीन द्वारा लगाए गये कोविड-19 यात्रा प्रतिबंधों के कारण यहां फंसे हुए भारतीयों को लेकर दोनों देशों के बीच कोई बातचीत हो रही है।

लिजियान ने कहा कि महामारी की मौजूदा जटिल और गंभीर स्थिति को देखते हुए चीन आने वाले सभी यात्रियों पर जमीनी हकीकत और विज्ञान आधारित आकलन के आधार पर समान पृथकवास के नियम लागू करता है, जिसमें इस देश के नागरिक भी शामिल हैं।

उन्होंने दोनों देशों के बीच राजनयिक लोगों की आवाजाही का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भारत के आवश्यक लोगों को चीन यात्रा की हमेशा गारंटी रही है।’’

लिजियान ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी भारत जाने वाले चीनी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करेगा, उनके लिए काम करने तथा भारत में रहने के लिहाज से आवश्यक एवं स्वस्थ माहौल बनाएगा और दोनों पक्षों के बीच लोगों की आवाजाही के संबंध में मिलकर अच्छा काम करेगा।’’

इस समय चीन और भारत के बीच कोई उड़ान सेवा संचालित नहीं है।

चीन ने वंदे भारत मिशन के तहत कुछ उड़ानों की अनुमति दी थी, जिनसे पिछले साल नवंबर तक कुछ भारतीय आने में सफल रहे थे, वहीं बीजिंग द्वारा पुन: यात्रा पाबंदी लगाये जाने के बाद 2,000 से अधिक भारतीय वापस नहीं आ सके।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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