बंगाल चुनाव मोदी के ‘‘विकास’’ और ममता के ‘‘विनाश’’ मॉडल के बीच मुकाबला, कोविड टीकाकरण के बाद लागू होगा सीएए: शाह

कूचबिहार/ठाकुरनगर/चिरांग/कोलकाता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बृहस्पतिवार को एक ‘‘विफल प्रशासक’’ बताया और कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव नरेन्द्र मोदी के ‘‘विकास मॉडल’’ और उनके (ममता के) ‘‘विनाश मॉडल’’ के बीच मुकाबला होगा।

उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विरोध किए जाने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि कोविड-19 टीकाकरण समाप्त होने के बाद इस कानून को लागू किया जाएगा।

शाह ने कहा कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ एक मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री बदलने के लिए नहीं, बल्कि घुसपैठ खत्म करने और पश्चिम बंगाल की स्थिति बदलने के लिए है।

उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा का उद्देश्य ‘‘बुआ-भतीजे’’ द्वारा संरक्षित भ्रष्टाचार को समाप्त करना भी है।

भाजपा बनर्जी और उनके भतीजे एवं डायमंड हार्बर से लोकसभा सांसद अभिषेक पर ‘‘भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप देने’’ का आरोप लगाती रही है।

शाह भाजपा कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या के बारे में भी बोले और चेतावनी देते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।

गृह मंत्री ने दावा किया कि मई के बाद (जब विधानसभा चुनाव समाप्त होंगे) ममता बनर्जी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि वह भी तब तक ‘जय श्रीराम’ कहने लगेंगी।

उन्होंने विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा द्वारा निकाली जा रही पांच ‘परिवर्तन यात्राओं’ में से चौथी यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह यात्रा एक मुख्यमंत्री, विधायक या मंत्री बदलने के लिए नहीं है। यह घुसपैठ समाप्त करने के लिए है, यह हिंसा समाप्त करने और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने, यह बंगाल के परिवर्तन के लिए है। आप बंगाल में भाजपा को वोट देकर सत्ता में लाएं। अवैध प्रवासियों को तो छोड़िये, सीमा पार से एक पक्षी तक को भी राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’

शाह ने दावा किया कि कूचबिहार जिले में व्यापक पैमाने पर घुसपैठ होने से यहां की जनसांख्यिकी में परिवर्तन हुआ है जिसकी सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी सरकार के ‘‘विकास मॉडल’’ और ममता बनर्जी के ‘‘विनाश मॉडल’’ के बीच मुकाबला होगा।

उन्होंने दावा किया कि भाजपा राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ममता दीदी केवल घुसपैठ के मुद्दे पर चुनाव हारेंगी।’’

शाह ने 23 जनवरी की उस घटना का जिक्र किया जब बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित उस आधिकारिक कार्यक्रम में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगने के बाद बोलने से इनकार कर दिया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि बनर्जी के रुख का उद्देश्य किसी खास समुदाय को खुश करने का था।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘बंगाल में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जय श्री राम का उद्घोष करना अपराध बन गया है। जय श्री राम सुनने के बाद उन्हें गुस्सा क्यों आता है? ममता दीदी, अगर जय श्री राम का नारा यहां नहीं लगेगा तो क्या पाकिस्तान में लगेगा?’’

बनर्जी का मखौल उड़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप इस पर गुस्सा इसलिए करती हैं क्योंकि आप वोट बैंक की राजनीति के लिए एक विशेष वर्ग के लोगों को खुश करना चाहती हैं। मैं आपको (लोगों को) बता रहा हूं कि चुनाव समाप्त होने तक ममता दीदी भी जय श्री राम कहना शुरू कर देंगी।’’

शाह ने राज्य में राजनीतिक हिंसा में कथित तौर पर जान गंवाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के नामों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार ने भय का माहौल बनाया है लेकिन भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल के ‘‘गुंडों’’ का मुकाबला करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको लगता है कि हम तृणमूल कांग्रेस के गुंडों से भयभीत हो सकते हैं? वे भाजपा को सत्ता में आने से नहीं रोक सकते हैं। एक बार हमारे सत्ता में आने पर उस हिंसा को भड़काने के जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई।’’

उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने अभी तक भाजपा के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या की है।

तृणमूल कांग्रेस में ‘‘वंशवाद की राजनीति’’ पर निशाना साधते हुए शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी जनता के बजाय केवल अपने भतीजे के कल्याण के लिए काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ‘जन कल्याण’ के लिए काम करती है, जबकि ममता बनर्जी सरकार को केवल ‘भतीजा कल्याण’ के बारे में चिंता है। उनका एकमात्र एजेंडा अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाना है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि बनर्जी ने लोगों को कई केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित किया और हमेशा मोदी सरकार के साथ ‘‘झगड़ा’’ किया।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल की जनता ने भाजपा सरकार चुनने का मन बना लिया है। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में, नयी भाजपा सरकार प्रत्येक किसान के बैंक खाते में 12,000 रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय लेगी जो उन्हें नहीं मिल सका क्योंकि उन्होंने (ममता) पीएम किसान योजना में शामिल होने से इनकार कर दिया।’’

उत्तर बंगाल में कोच राजबंशी समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए शाह ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एक नई ‘नारायणी सेना बटालियन’ की घोषणा की और कहा कि इस प्रशिक्षण केंद्र का नाम ‘वीर’ चिला रॉय (कोच राजवंश के नरेश नर नारायण के छोटे भाई एवं राजकुमार) के नाम पर रखा जाएगा।

शाह ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार और असम के कुछ हिस्सों में बड़ी आबादी वाले राजबोंग्शी समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए कहा कि एक पर्यटक सर्किट और ठाकुर पंचानन स्मारक केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। पंचानन बर्मन इस समुदाय से संबंधित एक महान हस्ती हैं।

उत्तर बंगाल की 56 विधानसभा सीटों में से कई सीटों पर राजबंशी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।

शाह ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय सहित सीएए के तहत शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया कोविड-19 टीकाकरण समाप्त होने के बाद शुरू हो जाएगी।

उन्होंने विपक्ष पर अल्पसंख्यक समुदाय को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसे लागू किए जाने से भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 2018 में वादा किया था कि वह नया नागरिकता कानून लाएगी और 2019 में भाजपा के सत्ता में आते ही वादे को पूरा किया गया।

उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।

शाह ने कहा, ‘‘ममता दीदी ने कहा कि हमने गलत वादा किया। उन्होंने सीएए का विरोध करना शुरू कर दिया और कहती हैं कि वह इसे कभी लागू नहीं होने देंगी। भाजपा अपने वादे हमेशा पूरे करती है। हम इस कानून को लेकर आए हैं और शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी।’’

उन्होंने यहां मतुआ समुदाय के गढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जैसे ही कोविड-19 के टीकाकरण की प्रक्रिया खत्म होती है, सीएए के तहत नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आप सभी इस देश के सम्मानित नागरिक होंगे।’’

मतुआ मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के कमजोर तबके के हिंदू हैं जो बंटवारे और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। उनमें से कई को भारतीय नागरिकता मिल गई है लेकिन बड़ी आबादी को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है।

राज्य में इस समुदाय की आबादी लगभग 30 लाख है जिसका चार लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और नदिया, और उत्तरी एवं दक्षिणी 24 परगना जिलों में 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। यह समुदाय पहले तृणमूल कांग्रेस के साथ था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इसने भाजपा का समर्थन किया।

शाह ने कहा कि बनर्जी सीएए को लागू करने का विरोध करने की स्थिति में नहीं होंगी क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद वह मुख्यमंत्री नहीं होंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘देश का गृह मंत्री होने के नाते मैं भारत के अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपमें से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। सीएए किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं, बल्कि शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए है।’’

राज्य की पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकारों पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि इन सरकारों ने कभी शरणार्थियों को नागरिकता देने के बारे में नहीं सोचा और इन्होंने शरणार्थियों को उसी तरह धोखा दिया, जिस तरह तृणमूल कांग्रेस ने धोखा दिया है।

शाह ने बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मुद्दे पर भी ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला और कहा कि केवल भाजपा ही इस समस्या को रोक सकती है।

उन्होंने कहा कि ‘लड़ाई’ केवल ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की सत्ता से हटाने की नहीं है, बल्कि राज्य को ‘सोनार बांग्ला’ बनाने की है।

भाजपा के ‘सोशल मीडिया योद्धाओं’ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘हम पश्चिम बंगाल में दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने तक आराम नहीं करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्येक मतदाता स्वतंत्र होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करे। राज्य में अप्रैल-मई में चुनाव होना है।

भगवा पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल की चुनावी जीत से ओडिशा, तेलंगाना और अन्य राज्यों में पार्टी के लिए रास्ता बनेगा जहां पर भाजपा सत्ता में नहीं है।

उन्होंने भाजपा की सोशल मीडिया टीम को पश्चिम बंगाल की 10 करोड़ की आबादी में से दो करोड़ आबादी तक पार्टी के संदेशों एवं केंद्र की उपलब्धियों को पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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