ब्रिटेन ने यूएनएससी सुधारों, भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने की प्रतिबद्ध जताई

लंदन, ब्रिटेन सरकार ने संसद में पेश की गई अपनी रक्षा एवं विदेश नीति संबंधी ताजा समीक्षा के तहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने को पहली बार मजबूत प्रतिबद्धता जताई।

‘इंटीग्रेटेड रिव्यू रिफ्रेश 2023: रिस्पोंडिंग टू ए मोर कंटेस्टेड एंड वोलेटाइल वर्ल्ड’ (समेकित ताजा समीक्षा 2023: एक अधिक प्रतिस्पर्धी और अस्थिर दुनिया के संबंध में प्रतिक्रिया) 2021 की समीक्षा (आईआर2021) से आगे की बात करती है। आईआर2021 में हिंद-प्रशांत को लेकर तथाकथित झुकाव दिखा था। सरकार का अब मानना है कि हिंद-प्रशांत अब केवल झुकाव नहीं, बल्कि ब्रिटेन की विदेश नीति का एक स्थायी स्तंभ है और ब्रिटेन भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ताजा समीक्षा में कहा गया है, ‘‘आईआर2021 से आगे बढ़ते हुए, ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार का समर्थन करेगा और स्थायी सदस्यों के रूप में ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी का स्वागत करेगा।’’

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विदेशी मामलों संबंधी प्रवक्ता ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर हमने ब्रिटेन की नीति संबंधी दस्तावेज में बात की है। हमने पहली बार संसद के समक्ष यह बात रखी है कि हम यूएनएससी सुधारों का समर्थन करेंगे। यह ब्रिटेन के रुख में एक बदलाव है। हम यह भी कहते हैं कि हम स्थायी अफ्रीकी सदस्यता का समर्थन करते हैं।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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