भारतीय डाक को निगम के रूप में पुनर्गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं : सरकार

नयी दिल्ली, सरकार ने शुक्रवार को संसद में स्पष्ट किया कि भारतीय डाक को निगम के रूप में पुनर्गठित करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है और डाकघर देश के दूरस्थ इलाकों में विविध सेवाएं मुहैया कराने के लिए उसकी प्रमुख एजेंसी है।

संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या मंत्रालय भारतीय डाक को एक निगम के रूप में पुनर्गठित करने की योजना बना रहा है। इसके जवाब में चौहान ने कहा, ‘‘ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘डाकघर नेटवर्क का लाभ उठाने के संबंध में गठित कार्य बल की अनुशंसाओं के अनुरूप, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की स्थापना, सरकार के 100 प्रतिशत स्वामित्व के साथ डाक विभाग के अधीन पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में की गई है।’’

चौहान ने कहा, ‘‘ विभाग ने जन सेवा केंद्र-विशेष प्रयोजनार्थ संगठन (सीएससी एसपीवी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं तथा विविध प्रकार से नागरिकों को दी जाने वाली सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से 1.16 लाख से अधिक डाकघर सीएससी स्थापित किए हैं। कार्य बल की अनुशंसाओं के अनुरूप डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र तथा डाकघर आधार केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जिनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हुए हैं।’’

उन्होंने कहा कि डाकघर, देश के दूरस्थ इलाकों में भी विविध नागरिकोन्मुखी सेवाएं मुहैया कराने के लिए अब सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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