भारत के मादक पेय पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जी20 देशों में गैर-शुल्क बाधाओं को हटाया जाए:सीआईएबीसी

नयी दिल्ली, शराब कंपनियों के शीर्ष निकाय कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने मंगलवार को कहा कि जी20 देशों में व्हिस्की के लिए न्यूनतम परिपक्वता की स्थिति जैसी गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने से भारत से मादक पेय पदार्थों का निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

             सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा कि जी20 देश न केवल वैश्विक मादक पेय पदार्थों के आयात का 80 प्रतिशत हिस्सा हैं, बल्कि वे उच्च उत्पाद कीमतों और बेहतर परिचालन अंश की भी अनुमति देते हैं। हालांकि, भारत के पास उसका एक छोटा सा हिस्सा है, जो उनके आयात का केवल 0.1 प्रतिशत है।

             गिरि ने कहा, ‘‘ इसलिए यह न केवल मात्रा के दृष्टिकोण से बल्कि मूल्य और मुनाफे के दृष्टिकोण से भी एक बड़ा अवसर है। जी20 देशों की इसमें काफी दिलचस्पी है। उन्हें हमारे बाजारों तक बेहतर पहुंच की अनुमति देते समय, हमें गैर-शुल्क बाधाओं को हटाने की मांग करके उनके वहां पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए जैसे कि व्हिस्की के लिए न्यूनतम परिपक्वता की स्थिति, जो इन देशों ने अपने स्वयं के उद्योग की रक्षा के लिए रखी है।’’

             उन्होंने कहा कि कई भारतीय मादक पेय उत्पाद गुणवत्ता के मामले में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों के बराबर हैं, लेकिन जी20 देशों के अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बाजारों में ग्राहकों को आकर्षित करना आसान काम नहीं है।

             महानिदेशक ने कहा, ‘‘ भारत की जी20 की अध्यक्षता ने उसे इस मोर्चे पर मदद की है। इससे भारत के साथ जुड़ाव बढ़ा है और हमें उम्मीद है कि यह भारतीय उत्पादों में रुचि तथा उनके प्रति अनुकूल रुख को बढ़ावा देगा।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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