भारत को प्रतिबंधों से बचाने के लिए अमेरिकी सांसद ने संशोधन विधेयक पेश किया

वाशिंगटन, भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद को लेकर भारत को सीएएटीएसए प्रतिबंधों से छूट दिलाने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया है। उन्होंने दलील दी है कि इससे अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंध मजबूत होंगे।

वर्ष 2017 में पेश ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत रूस से रक्षा और खुफिया लेन-देन करने वाले किसी भी देश के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है। इसे 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मॉस्को के कथित हस्तक्षेप के जवाब में लाया गया था।

अक्टूबर 2018 में भारत ने तत्कालीन ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बावजूद एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने पर भारत पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

कैलिफॉर्निया से डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद खन्ना द्वारा पेश विधेयक में कहा गया है, “एक ओर भारत को रूस-निर्मित अपनी भारी हथियार प्रणालियों को बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है तो दूसरी तरफ इस संक्रमण काल के दौरान रूस और चीन की करीबी साझेदारी के मद्देनजर आक्रामकता से निपटने के लिए सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों में छूट दिया जाना अमेरिका और अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी के सर्वोत्तम हित में है।’’

विधेयक पेश करने के एक दिन बाद खन्ना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ऐतिहासिक संशोधन अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को मजबूत करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे समय में भारत को गंभीर प्रतिबंधों का सामना न करना पड़े, जब हमें गठबंधन बनाने की जरूरत है।’’

खन्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और जरूरी पहल है। मुझे उम्मीद है कि मेरे सहयोगी इसे द्विदलीय आधार पर पारित करेंगे।”

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि भारत-चीन सीमा पर चीन की लगातार जारी सैन्य आक्रामकता के चलते भारत को तात्कालिक और गंभीर क्षेत्रीय खतरों का सामना करना पड़ रहा है।

विधेयक में कहा गया है कि यह देखते हुए कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रूस निर्मित हथियारों पर निर्भर है, अमेरिका को भारत की तात्कालिक रक्षा जरूरतों का पुरजोर समर्थन करना चाहिए और भारत को रूस निर्मित हथियारों व रक्षा प्रणालियों से दूर ले जाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने चाहिए।

अमेरिका पहले ही रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने को लेकर तुर्की पर सीएएटीएसए के तहत पाबंदियां लगा चुका है। तुर्की पर पाबंदियां लगाए जाने के बाद इस बात की आशंका पैदा हो गई थी कि अमेरिका भारत पर भी ऐसे ही प्रतिबंध लागू कर सकता है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अप्रैल में कहा था कि रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएटीएसएए कानून के तहत भारत पर प्रतिबंध लगाने या छूट देने के मसले पर अमेरिका ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक स्वतंत्र विदेश नीति का अनुसरण कर रहा है और उसका रक्षा अधिग्रहण उसके राष्ट्रीय सुरक्षा हितों द्वारा निर्देशित है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/Ro_Khanna#/media/File:Ro_Khanna,_official_portrait,_115th_Congress.jpg

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