भारत दुनिया की एक तिहाई कीमत पर चिकित्सा उपकरण का उत्पादन कर रहा है : डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भारत जीवन रक्षक उच्च जोखिम वाले चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करने वाले दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है, लेकिन इसका उत्पादन अन्य चार देशों की निर्माण लागत के एक तिहाई पर किया जा रहा है।

मंत्री ने तिरुवनंतपुरम में श्री चित्रा त्रियुनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में संयुक्त उपकरण ब्लॉक का उद्घाटन करते हुए ये टिप्पणियां कीं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों जैसे कृत्रिम हृदय वाल्व, हाइड्रोसिफ़लस शंट, ऑक्सीजनेटर और ड्रग एल्यूटिंग इंट्रा यूटेराइन डिवाइस का निर्माण तीन से चार देशों जैसे अमेरिका, जापान, ब्राजील और चीन में किया जा रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वदेशी निर्मित विश्व स्तरीय चिकित्सा उपकरण भारतीय रोगियों को उनके आयातित समकक्षों के लगभग एक चौथाई से एक तिहाई मूल्य पर उपलब्ध हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि यह चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ चिकित्सा प्रबंधन में आत्मनिर्भर बनने के पीएम मोदी के आत्मनिर्भर दृष्टिकोण को दर्शाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे, जिन्होंने 2017 में ग्लोबल हारमोनाइजेशन टास्क फोर्स (जीएचटीएफ) के ढांचे के अनुरूप और सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप चिकित्सा उपकरण नियम अधिसूचित किए थे। नए नियम भारत में बनाने के लिए नियामक बाधाओं को दूर करने, रोगी देखभाल और सुरक्षा के लिए बेहतर चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए व्यापार करने में आसानी की सुविधा प्रदान करते हैं।

फोटो क्रेडिट : https://en.wikipedia.org/wiki/Jitendra_Singh_(politician,_born_1956)#/media/File:Jitendra_Singh.jpg

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