भारत, ब्रुनेई ने नौवहन की स्वतंत्रता पर जोर दिया, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

बंदर सेरी बेगवान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और ब्रुनेई ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निरंतर नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ब्रुनेई में स्थापित टेलीमेट्री ट्रैकिंग एवं टेलीकमांड (टीटीसी) केंद्र को जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की भरपूर सराहना की। इस केंद्र से भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में जारी उसके प्रयासों में मदद मिली। संयुक्त बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई के सुल्तान ने संयुक्त अभ्यास के जरिए रक्षा एवं समुद्री सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। बयान के अनुसार ‘‘दोनों नेताओं ने शांति स्थिरता समुद्री रक्षा और सुरक्षा को बनाए रखने एवं बढ़ावा देने के साथ नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 के अनुरूप निर्बाध वैध व्यापार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’ द्विपक्षीय बैठक के दौरान मोदी और सुल्तान बोलकिया ने कई विषयों पर चर्चा की और कारोबारी संबंध में और विस्तार वाणिज्यिक संबंध और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान के बारे में बात की। इससे पहले सिंगापुर के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने ब्रुनेई की अपनी यात्रा को ‘‘सार्थक’’ बताया और कहा कि इससे ‘‘भारत-ब्रुनेई संबंधों को और भी मजबूत बनाने के लिए एक नए युग’’ की शुरुआत हुई है जो हमारी धरती को बेहतर बनाने में योगदान देता है। द्विपक्षीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ब्रुनेई की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस वार्ता में रक्षा व्यापार और ऊर्जा सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई तथा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। भारत और ब्रुनेई ने ‘‘साझेदारी बढ़ाने के लिए’’ द्विपक्षीय संबंधों में विस्तार किया।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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