भारत, यूनान ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया

एथेंस, भारत और यूनान ने शुक्रवार को अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ा दिया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके यूनानी समकक्ष किरियाकोस मित्सोताकिस ने विशेष रूप से रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में संबंधों को एक नयी गति देने का संकल्प व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य भी रखा है और दोनों देशों के बीच कुशल प्रवासन की सुविधा के लिए जल्द ही एक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते को मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने यूनानी समकक्ष के साथ अपनी बातचीत के बाद कहा, “प्रधानमंत्री मित्सोताकिस और मैंने भारत-यूनान संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया।” प्रधानमंत्री ने अपने मीडिया बयान में कहा कि इस बात पर सहमति बनी कि भारत और यूनान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर एक संस्थागत संवाद ढांचा होना चाहिए। मोदी ने कहा, “हमने रक्षा और सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, शिक्षा, नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों तथा कृषि के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया।मोदी ने कहा कि रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देश सैन्य संबंधों के अलावा रक्षा औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए। यूक्रेन संकट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत और यूनान इसे सुलझाने के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करते हैं। उन्होंने ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करने के लिए यूनान के लोगों और देश की राष्ट्रपति कैटरीना एन सकेलारोपोउलू को भी धन्यवाद दिया। वहीं, मित्सोताकिस ने कहा कि दोनों पक्ष विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, “विशेषकर यूक्रेन में उथल-पुथल और युद्ध के दौर में।उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में हमारे संबंधों में काफी सुधार हुआ है और अर्थव्यवस्था, रक्षा, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग की गुंजाइश है।”मित्सोताकिस ने कहा, “हमारा पहला उद्देश्य हमारे द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करना है।”

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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