भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण केरल में रेल की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं अटकी हैं: वैष्णव

नयी दिल्ली, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि केरल की कुछ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का क्रियान्वयन भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण रुका हुआ है। उन्होंने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को यह जानकारी दी। वैष्णव ने नेमोम में कोचिंग टर्मिनल के विकास के संबंध माकपा सदस्य जॉन ब्रिटास द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि दक्षिण रेलवे द्वारा 2022-23 में पेश विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार इस नए कोचिंग टर्मिनल के विकास के कार्य को अप्रैल 2023 में 116.57 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई थी उन्होंने कहा ‘‘विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना एक जटिल प्रक्रिया है और इसमें भविष्य की यातायात आवश्यकताओं मौजूदा उपलब्ध बुनियादी ढांचे और साइट की स्थितियों का अध्ययन शामिल है ताकि हितधारकों से परामर्श कर समाधान पर पहुंचा जा सके।’’ रेल मंत्री ने कहा 2014 के बाद से केरल की परियोजनाओं के लिए कोष आवंटन में पर्याप्त वृद्धि हुई है लेकिन उनके कार्यान्वयन की गति शीघ्र भूमि अधिग्रहण पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा ‘‘रेलवे राज्य सरकार के माध्यम से भूमि का अधिग्रहण करता है। राज्य सरकार मुआवजे की राशि का आकलन करती है और रेलवे को सलाह देती है। राज्य सरकार से मांग प्राप्त होने पर रेलवे संबंधित जिला भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण के पास मुआवजे की राशि जमा करता है।’’ वैष्णव ने कहा कि केरल में पूर्णत: या अंशत: पड़ने वाली महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का क्रियान्वयन भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण रुका हुआ है और करीब 459.54 हेक्टेयर कुल आवश्यक भूमि में से केवल 62.83 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो सका है। उन्होंने भूमि अधिग्रहण में तेजी के लिए केरल सरकार के समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा “रेलवे ने भूमि अधिग्रहण के लिए प्रयास शुरू किए थे लेकिन परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सफल नहीं हो सका। हालांकि रेलवे ने भूमि अधिग्रहण के लिए केरल सरकार को 2125.61 करोड़ का भुगतान किया है।”क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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