भ्रामक विज्ञापनों से बच्चों को बचाने के लिये सरकार ने जारी किये दिशा-निर्देश

नयी दिल्ली, सरकार ने बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए, जिनमें कंपनियों को स्वास्थ्य व पोषण संबंधी फायदों के बारे में झूठे दावे करने से रोकने और उपहार का लालच देकर बच्चों को सामान व सेवाएं लेने के लिये राजी करने आदि पर रोक लगाने का प्रावधान है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ‘भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम एवं विज्ञापनों के संबंध में आवश्यक सावधानी दिशा निर्देश- 2022’ में बच्चों को निशाना बनाने वाले विज्ञापनों के बारे में 19 प्रावधान किए हैं।

नए दिशानिर्देश शुक्रवार से लागू हो गए हैं और उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत की जाएगी।

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सिफारिश के बाद बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, उन विज्ञापनों को भ्रामक माना जाएगा, जो अपने उत्पाद को किसी मान्यता प्राप्त निकाय द्वारा उचित व वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कराए बिना किसी स्वास्थ्य पोषण या लाभ के संबंध में दावे करते हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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