महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण से होगी देश की प्रगति: राष्ट्रपति मुर्मू

उदगीर (महाराष्ट्र) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण से देश की प्रगति और विकास होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों को महिलाओं की क्षमताओं को पहचानकर उनके सपनों को हासिल करने में उनकी मदद करनी चाहिए। यह उल्लेख करते हुए कि महिलाओं का सम्मान करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है उन्होंने देश के कार्यबल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की। मुर्मू महाराष्ट्र में लातूर जिले के उदगीर में एक सभा को संबोधित कर रही थीं जहां एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ तथा ‘शासन आपल्या दारी’ कार्यक्रमों के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र दिए गए। राष्ट्रपति ने कहा ‘‘भारत सरकार द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। सरकार की मदद से महिलाएं हर क्षेत्र में योगदान दे रही हैं। लेकिन इसमें और अधिक प्रयास करने की जरूरत है ताकि उनकी भागीदारी और बढ़े।’’ उन्होंने कहा कि पुरुषों को महिलाओं की क्षमताओं को पहचानना चाहिए और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करनी चाहिए। मुर्मू ने कहा ‘‘हर महिला कई बाधाओं के बाद अपने लक्ष्य तक पहुंचती है। लेकिन एक महिला के लिए पैदा की गईं बाधाएं देश की विकास की गति को भी कम कर सकती हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘हम अपने देश को मातृभूमि कहते हैं और इस तरह हम महिलाओं के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं। महिलाओं का सम्मान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और इसे हर परिवार की मूल्य प्रणाली में भी प्रतिबिंबित होना चाहिए।’’ सरकारी योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों को उनकी प्रशिक्षुता के दौरान वजीफा प्रदान कर रही है जिससे उन्हें आत्मविश्वास मिलेगा। मुर्मू ने कहा ‘‘राज्य सरकार का यह कदम सराहनीय है। यह सामाजिक वित्तीय शैक्षिक विकास के लिए काम कर रही है और महिलाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए स्वतंत्र बनना चाहिए और राज्य तथा देश के विकास में योगदान देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है और जिस तरह वे अपना परिवार चलाने में आगे हैं उसी तरह उन्हें देश के लिए भी योगदान देना चाहिए। मुर्मू ने कहा ‘‘महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण से देश की प्रगति और विकास होगा।’’ राष्ट्रपति के अनुसार देश में लगभग एक करोड़ महिलाएँ लखपति दीदी (प्रति वर्ष एक लाख रुपये से अधिक कमाने वाली) बन गई हैं और उनमें से 13 लाख महाराष्ट्र से हैं। उन्होंने कहा ‘‘केंद्र सरकार ने अब लक्ष्य को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ लखपति दीदी कर दिया है।’’ मुर्मू ने महिलाओं से अपने परिवार की देखभाल के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने को कहा। उन्होंने कहा ‘‘अगर आप समृद्ध होंगी और स्वस्थ रहेंगी तभी देश विकसित होगा और प्रगति करेगा। छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले संत-कवयित्री बहिणाबाई और सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये महिलाएं अन्य महिलाओं को प्रेरित करती हैं। मुर्मू ने कहा ‘‘महिलाओं का विकास वित्तीय समावेशन और वित्तीय मजबूती के माध्यम से किया जा सकता है। राज्य लाडकी बहिन योजना के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक मदद दे रहा है। बैंक खाते खुलने से महिलाएं वित्तीय प्रक्रिया का हिस्सा बनती हैं। महिलाओं को मजबूत करने के ऐसे प्रयासों से मुझे संतुष्टि मिलती है। महिलाएं पुरुषों की तुलना में वित्तीय स्रोतों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करती हैं।’’ इस कार्यक्रम से पहले मुर्मू ने उदगीर में विश्वशांति बुद्ध विहार का उद्घाटन किया। इस बारे में उन्होंने कहा ‘‘भारतीय संस्कृति में ध्यान को बहुत महत्व दिया गया है। तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण अब इसे और अधिक महत्व मिल गया है। इसलिए ऐसे समय में इस बुद्ध विहार की स्थापना करना सराहनीय है।’’ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस अवसर पर कहा ‘‘कई लोग इस (लाडकी बहिन) योजना के खिलाफ चले गए और दावा किया कि यह सिर्फ एक चुनावी ‘जुमला’ है लेकिन उन्होंने कभी किसी को कुछ नहीं दिया। आगे इस योजना के तहत राशि बढ़ाकर 3 000 रुपये की जाएगी।” वर्तमान में राज्य सरकार पात्र महिलाओं को लाडकी बहिन योजना के तहत 1 500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। शिंदे ने कहा ‘‘योजना के तहत 1.60 करोड़ महिलाओं को सहायता मिली है और इसके लिए लगभग 2.40 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना की आवेदन अवधि सितंबर महीने के लिए बढ़ा दी गई है।’’ उन्होंने उल्लेख किया कि महाराष्ट्र छात्रों को 10 000 रुपये का वजीफा देने वाला पहला राज्य बन गया है। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने देश को इस दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया। चाहे कुछ भी हो संविधान को बदला नहीं जा सकता। 2047 में देश को महाशक्ति बनाने के लिए हमें महिलाओं को केंद्र में रखकर योजनाएं बनानी होंगी।” उन्होंने कहा ‘‘हम महिलाओं को सशक्त कर रहे हैं लेकिन कुछ लोग इस (लाडकी बहिन) योजना को रद्द कराने के लिए अदालत चले गए हैं। विपक्ष को इस योजना को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए।’’इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले भी उपस्थित थे।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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