बैंकॉक, म्यांमा की सैन्य सरकार ने ईस्ट तिमोर के वरिष्ठ राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दिया है। ईस्ट तिमोर की सरकार के म्यांमा के मुख्य विपक्षी संगठनों के साथ बैठकें करने के बाद यह कदम उठाया गया है। म्यांमा के विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।
बयान में कहा गया है कि ईस्ट तिमोर ने म्यांमा की ‘नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ के साथ बातचीत की है, जो एक फरवरी, 2021 को सेना द्वारा आंग सान सू ची की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के तख्तापलट के बाद खुद को देश के वैध शासन के रूप में देखती है।
नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ सैन्य शासन के विरोधियों के लिए एक शीर्ष संगठन के रूप में भी कार्य करती है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने म्यांमा के सबसे बड़े शहर यांगून में ईस्ट तिमोर दूतावास के प्रभारी राजदूत को एक सितंबर से पहले देश छोड़ने के लिए कहा है।
ऐसा माना जाता है कि प्रभारी राजदूत सेना के सत्ता पर काबिज होने के बाद म्यांमा से निष्कासित होने वाले पहले विदेशी राजनयिक हैं। कई देशों ने म्यांमा के साथ अपने संबंधों का दर्जा घटाया है और राजदूतों के स्थान पर नंबर दो राजनयिक को वहां तैनात किया है।
एशिया के सबसे नए देश ईस्ट तिमोर ने म्यांमा के सैन्य शासकों की मुखर आलोचना की है और विपक्ष के प्रति समर्थन दिखाया है। जुलाई में, ईस्ट तिमोर के राष्ट्रपति जोस रामोस-होर्टा ने ‘नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट’ के विदेश मंत्री जिन मार आंग को ईस्ट तिमोर के प्रधानमंत्री जानाना गुसमाओ के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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