यूपीएससी परीक्षाओं में धांधली रोकने के लिए एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी का सहारा लेगी

नयी दिल्ली  नीट एवं नेट परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं से जुड़े विवादों के बीच देश की प्रमुख भर्ती संस्था संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने अपनी विभिन्न परीक्षाओं में धोखाधड़ी और छद्म उम्मीदवारों को रोकने के लिए चेहरे की पहचान एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सीसीटीवी निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल करने का निर्णय किया है।

             संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के अनुभवी उपक्रमों से बोलियां आमंत्रित करने के लिए एक निविदा जारी की है  ताकि परीक्षा प्रक्रिया के दौरान उपयोग किए जाने वाले दो तकनीकी समाधान – ‘‘आधार कार्ड आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण  अभ्यर्थियों की चेहरे की पहचान और ई-प्रवेश पत्रों की क्यूआर कोड स्कैनिंग’’ तथा ‘‘कृत्रिम बुद्धिमता-आधारित सीसीटीवी निगरानी सेवा’’ – विकसित किए जा सकें।

             यूपीएससी एक संवैधानिक निकाय है  जो 14 प्रमुख परीक्षायें आयोजित करता है  जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस)  भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है।

             यूपीएससी इसके अलावा केंद्र सरकार के ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार भी आयोजित करता है।

             तीन जून के निविदा दस्तावेज में कहा गया  ‘‘यूपीएससी अपनी परीक्षाओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने को बहुत महत्व देता है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के मद्देनजर आयोग अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक विवरणों का मिलान करने तथा धोखाधड़ी  जालसाजी  अनुचित साधनों और अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने जैसे कृत्यों से रोकने के लिए परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों की विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करने के लिए नवीनतम डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का इरादा रखता है।’’

             इस कदम का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को मजबूत करना और अभ्यर्थियों द्वारा कदाचार की संभावना को समाप्त करना है।

             निविदा दस्तावेज के अनुसार  चयनित सेवा प्रदाता यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान के लिए करेगा।

             आयोग ने कहा कि चेहरे की पहचान के लिए दो तस्वीरों का मिलान किया जाएगा  जिनमें एक ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान दी गयी और दूसरी परीक्षा के दिन ली गई तस्वीर का इस्तेमाल किया जाएगा।

             यूपीएससी ने कहा कि उसने देशभर में विभिन्न केंद्रों/स्थलों पर आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थियों और तैनात अन्य कर्मियों की विभिन्न गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव प्रसारण प्रणालियों के साथ सीसीटीवी/वीडियो निगरानी लागू करने का निर्णय लिया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: