यूरोपीय आयोग ने ईयू की सदस्यता के लिए यूक्रेन का समर्थन किया

लिसिचांस्क (यूक्रेन), यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने शुक्रवार को 27 देशों के समूह में शामिल होने के लिए यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्जा दिए जाने की सिफारिश की।

यूक्रेन की यूरोपीय संघ (ईयू) की सदस्यता की दिशा में यह सिफारिश पहला कदम है। एक दिन पहले ईयू के चार नेताओं ने यूक्रेन की सदस्यता का समर्थन करने की घोषणा की थी। ईयू की कार्यकारी शाखा की सिफारिश पर अब ब्रसेल्स में अगले सप्ताह एक शिखर सम्मेलन के दौरान समूह के नेता इस पर चर्चा करेंगे। ईयू की सदस्यता के लिए सभी सदस्य देशों की सहमति की आवश्यकता होती है।

युद्ध के कारण यूरोपीय संघ की सरकारों पर यूक्रेन को उम्मीदवार का दर्जा दिए जाने को लेकर तेजी से कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, इस प्रक्रिया में अभी भी वर्षों लगने की उम्मीद है और ईयू के सदस्य इस विचार पर बंटे हुए हैं कि नए सदस्यों के लिए कितनी जल्दी इसके दरवाजे खोलना है।

महत्वपूर्ण घटनाक्रम : यूक्रेन की नौसेना ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने काला सागर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक द्वीप पर वायु रक्षा प्रणाली ले जा रही रूसी नौका को निशाना बनाया। सोशल मीडिया पर एक बयान में, नौसेना ने कहा कि ‘वेसिली बेख’ नौका का इस्तेमाल गोला-बारूद, हथियारों और कर्मियों को स्नेक आइलैंड में ले जाने के लिए किया जा रहा था। यह द्वीप ओडेसा के प्रमुख बंदरगाह से समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। नुकसान के बारे में कुछ नहीं बताया गया।

यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में रूस के हमले तेज होने के बीच वहां के निवासी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। लिसिचांस्क की निवासी वीरा मेदिनत्सेवा ने कहा, ‘‘हम बुजुर्ग है, हम कहां जाए। हमारे लिए कोई जगह नहीं है।’’

रूस के हमले यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में जारी हैं जहां कई नागरिकों की जान गई है और शहर बर्बाद हो चुके हैं। यूक्रेन को ईयू में शामिल करने की पहल तेज होना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ा झटका है जो पूर्व सोवियत राष्ट्र पर रूस का दबदबा चाहते हें। पुतिन शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के आर्थिक मंच को संबोधित करने वाले थे, लेकिन उनके भाषण में देरी हुई क्योंकि मंच की वेबसाइट पर साइबर हमला हुआ।

लुहांस्क के गवर्नर सेरहेई हैदई ने कहा, ‘‘रूसी सैनिक शहर पर लगातार हमला कर रहे हैं। सिवियरोदोनेत्सक में हमारे लिए लड़ाई कठिन होते जा रही है क्योंकि हथियार, सैन्य शक्ति के मामले में रूसी सेना का आकार काफी बड़ा है। हमारे लिए यह कठिन लड़ाई है।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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