यूरोपीय देशों ने रूस पर प्राकृतिक गैस के जरिये ‘ब्लैकमेल’ करने का आरोप लगाया

वारसा, पोलैंड और बुल्गारिया के नेताओं ने रूस पर प्राकृतिक गैस के जरिये ‘ब्लैकमेल’ करने का आरोप लगाया है। इससे पहले, रूस की सरकारी ऊर्जा कंपनी की ओर से बुधवार को इन दोनों यूरोपीय देशों को गैस आपूर्ति रोकने का ऐलान किया गया।

गैस आपूर्ति रोकने की घोषणा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस बयान के बाद की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘गैर-मित्र’ देशों को रूस की मुद्रा रूबल में गैस के लिए भुगतान करना होगा। लेकिन बुल्गारिया और पोलैंड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।

रूसी ऊर्जा कंपनी गजप्रोम ने एक बयान में कहा कि उसे एक अप्रैल के बाद से पोलैंड और बुल्गारिया की ओर से कोई भुगतान नहीं मिला है और वह बुधवार से इन देशों को गैस की आपूर्ति रोक रही है।

कंपनी ने कहा कि अगर ये देश दूसरे यूरोपीय उपभोक्ताओं को दी जाने वाली गैस लेना चाहते हैं तो उतनी मात्रा यूरोप को दी जाने गैस से कम कर दी जाएगी।

पोलिश प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविएकी ने बुधवार को पोलैंड की संसद में कहा कि उनका मानना ​​​​है कि यह कार्रवाई रूस के खिलाफ वारसा द्वारा लगाये गये नये प्रतिबंधों का बदला थी।

मोराविएकी ने प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि पोलैंड गैस कटौती से नहीं डरेगा। उन्होंने कहा कि अन्य देशों से गैस आपूर्ति सुनिश्चित करने के वर्षों के प्रयासों की बदौलत देश ऊर्जा संकट से सुरक्षित है। सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं, जब उन्होंने कहा कि रूस के ‘गैस ब्लैकमेल’ का पोलैंड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पोलैंड ने मंगलवार को कई रूसी कंपनियों पर नये प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें ऊर्जा दिग्गज कंपनी ‘गजप्रोम’ भी शामिल है। इसके बाद पोलैंड ने कहा कि उसे नोटिस मिला कि रूसी मुद्रा रूबल में भुगतान करने की मांग का पालन करने में विफल रहने के कारण गजप्रोम अपनी गैस आपूर्ति रोकने जा रहा है।

पोलैंड की गैस कंपनी पीजीएनआईजी ने कहा कि यमाल पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति बुधवार तड़के बंद हो गई, क्योंकि गजप्रोम ने चेतावनी दी थी कि वह ऐसा करेगी।

बुल्गारिया ने मंगलवार को कहा था कि गजप्रोम द्वारा उसे भी सूचित किया गया था कि गैस की आपूर्ति रोक दी जाएगी। बुल्गारिया के प्रधानमंत्री किरिल पेटकोव ने गजप्रोम द्वारा गैस आपूर्ति निलंबित करने को ‘अनुबंध का घोर उल्लंघन’ और ‘ब्लैकमेल’ करार दिया। किरिल ने कहा, ‘‘हम इस तरह के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।’’

रूस के इस कदम ने चिंता बढ़ा दी है कि अन्य यूरोपीय देशों को अगला निशाना बनाया जा सकता है। यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों ने यूक्रेन के लिए अपना समर्थन बढ़ा दिया है।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि गजप्रोम की घोषणा रूस द्वारा गैस को ब्लैकमेल करने का जरिया बनाने का एक और प्रयास है।

यूनान की ओर से गजप्रोम को अगला निर्धारित भुगतान 25 मई को किया जाना है, लेकिन सरकार को इसके पहले यह तय करना होगा कि वह रूबल में लेनदेन की मांग का पालन करेगी या नहीं।

यूनान अपनी प्राकृतिक गैस भंडारण क्षमता को बढ़ा रहा है और आपातकालीन ऊर्जा स्रोत के रूप में कई उद्योग क्षेत्रों को गैस से डीजल में बदलने की आकस्मिक योजना है।

गैस आपूर्ति रोकने से पहले तक पोलैंड के कुल गैस उपयोग का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा रूस से मिलता था। लेकिन पोलैंड के लोग घरों को गर्म रखने और ईंधन के लिए कोयले पर अधिक निर्भर हैं। पोलैंड में कुल ऊर्जा में गैस का योगदान केवल सात फीसदी है।

पोलैंड को गैस की रूसी आपूर्ति पहले से ही इस साल के अंत तक समाप्त होने की उम्मीद थी। पोलैंड ने अन्य देशों से आपूर्ति सुरक्षित करने के लिए कई वर्षों तक काम किया है। कई साल पहले पोलैंड ने बाल्टिक सागर तट पर तरलीकृत प्राकृतिक गैस या एलएनजी के लिए अपना पहला टर्मिनल खोला था। इसके अलावा नॉर्वे से एक पाइपलाइन इस साल काम शुरू करने वाली है।

पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख फातिह बिरोल ने रूस के इस कृत्य को ‘ऊर्जा आपूर्ति’ को हथियार बनाने वाला कदम करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘रूस के निर्णय से, पहले के मुकाबले और अधिक स्पष्ट हो गया है कि यूरोप को रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press

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