यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की

यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने कार्यकारी उपाध्यक्ष एडवर्ड नाइट के नेतृत्व में नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में काम करने वाली शीर्ष वैश्विक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है, जो दोनों देशों में व्यवसायों और सरकारों के बीच संबंध बनाती है। इसकी लगभग 200 सदस्य कंपनियाँ हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत संयुक्त राज्य अमेरिका से हैं और शेष 30 प्रतिशत भारत से हैं। भारत में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में अपने कार्यालय और वाशिंगटन डीसी में मुख्यालय होने के कारण यूएसआईबीसी अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स का भी हिस्सा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग के साथ क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण धातुओं और अर्धचालकों में प्रगति करने के लिए यह अनुकूल वातावरण है।” मंत्री ने पीएम मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा को याद किया और भारत में ग्रीनफील्ड अक्षय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हुई हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं की तैनाती पर संयुक्त बयान पर प्रकाश डाला। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में सरकार के दृष्टिकोण पर जोर दिया उन्होंने आगे कहा कि भारत अब अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में अग्रणी राष्ट्र है।प्रतिनिधिमंडल को अमेरिका में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की तर्ज पर अनुसंधान एनआरएफ के बारे में जानकारी दी। बातचीत के दौरान, पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने उल्लेख किया कि आने वाले वर्ष में दुनिया दो ऐतिहासिक घटनाओं को देखेगी, एक भारतीय गहरे समुद्र में पहुंचेगा और दूसरा भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। उन्होंने यह भी साझा किया कि भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र अब पीएम मोदी के नेतृत्व में अकादमिक-उद्योग और स्टार्टअप एकीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी प्रौद्योगिकियों में अवसरों के साथ सशक्त है।विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पिछले दशक में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने याद किया कि बायोटेक उद्योग 4000 से अधिक कंपनियों के साथ 140 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। NISAR- नासा और इसरो का संयुक्त मिशन भी अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने नई अंतरिक्ष नीति और हाल के महीनों में इसके लाभों का भी उल्लेख किया। डीओपीटी मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले 10 वर्षों में सिविल सेवाओं में सुधारों का उल्लेख किया और कहा कि “सरकार में 90 प्रतिशत काम ऑनलाइन है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार का आकार छोटा होना चाहिए और अधिक नागरिक केंद्रित शासन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका आदान-प्रदान कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण के माध्यम से सिविल सेवा सुधारों में काम कर सकते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. अभय करंदीकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत क्वांटम समन्वय समिति का हिस्सा है, जिसमें उद्योग और शिक्षा दोनों शामिल हैं। जैव प्रौद्योगिकी सचिव डॉ. राजेश गोखले ने टीकों के विकास और जैव प्रौद्योगिकी में सहयोग पर भारत-अमेरिका सहयोग का उल्लेख किया। डॉ. सिंह की उपस्थिति में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने बताया कि सीएसआईआर के पास धातु, धातु विज्ञान और खानों के लिए काम करने वाली तीन समर्पित प्रयोगशालाएं हैं और दोनों देशों के पास सहयोग के पर्याप्त अवसर हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ने स्टील स्लैग रोड की हमारी तकनीक में रुचि दिखाई है। नैस्डैक के कार्यकारी उपाध्यक्ष और यूएसआईबीसी ग्लोबल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष एडवर्ड नाइट ने डॉ. जितेंद्र सिंह को हालिया चुनावों में उनकी जीत और तीसरी बार मंत्री का दायित्व संभालने के लिए बधाई दी। उन्होंने भारत के जैम ट्रिनिटी और डीबीटी मॉडल की भी सराहना की और मंत्री को 49वें इंडिया आइडियाज समिट 2024 के लिए आमंत्रित किया। यूएसआईबीसी के अध्यक्ष राजदूत अतुल केशप; यूएसआईबीसी के एमडी अलेक्जेंडर स्लेटर; यूएसआईबीसी के वरिष्ठ निदेशक आदित्य कौशिक; यूएसआईबीसी के निदेशक डॉ. समीर गुडुरु भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। https://x.com/DrJitendraSingh/status/1811039145416085887/photo/1

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