राजनाथ सिंह ने दशहरा पर तवांग में शस्त्र पूजन किया

नयी दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया और एक अग्रिम सैन्य स्थल पर सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा की और अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए सैनिकों की सराहना की।
बुम-ला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का दौरा करने के बाद सैनिकों के साथ बातचीत में सिंह ने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप कठिन परिस्थितियों में जिस तरह से सीमा की रक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि देश के लोगों को आप पर गर्व है।’’रक्षा मंत्री ने कठिन परिस्थितियों में सीमाओं की रक्षा करते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि राष्ट्र और उसके लोग सुरक्षित हैं, सैनिकों के प्रति उनकी ‘दृढ़ भावना, अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस’ के लिए आभार व्यक्त किया।
तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) करने के बाद, उन्होंने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अपने संबोधन में उन्होंने सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों की ‘सच्चाई और धर्म’ को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवंत प्रमाण बताया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद के पीछे मुख्य कारणों में से एक है और यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है।
सिंह ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की सफलता को देश की बढ़ती वैश्विक छवि के कारणों में से एक बताया। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर सशस्त्र बलों ने देश की सीमा की प्रभावी ढंग से रक्षा नहीं की होती, तो इसका कद नहीं बढ़ता।
सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर सैनिकों के साथ दशहरा ऐसे समय मनाया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा के दौरान ‘शस्त्र पूजा’ करते रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में वह जब केंद्रीय गृह मंत्री थे तब भी वह आज के दिन ‘शस्त्र पूजा’ किया करते थे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। भारत कहता रहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती। सेना ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों सहित करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को काफी बढ़ा दिया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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