रूसी हमले से पहले यूक्रेनी शहर को खाली करने की चेतावनी

क्रामातोर्स्क, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा अपने युद्धकालीन उद्देश्यों के लिए अहम पूर्वी यूक्रेन के एक प्रांत पर कब्जा जमाने में सफलता मिलने की घोषणा करने के एक दिन बाद रूसी बलों के रास्ते में पड़ने वाले स्लोवियांस्क शहर के मेयर ने मंगलवार को स्थानीय निवासियों को मॉस्को के संभावित हमलों से पहले शहर खाली करने की चेतावनी जारी की।

स्लोवियांस्क के मेयर वादिम ल्याख की इस चेतावनी ने उस आशंका को रेखांकित किया है कि रूसी सेना यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में और आगे बढ़ने के लिए तैयार है। डोनबास रूसी भाषियों की बड़ी आबादी वाला औद्योगिक क्षेत्र है, जहां मॉस्को के सबसे अनुभवी सैनिक मौजूद हैं।

ल्याख ने कहा कि स्लोवियांस्क रूसी सेना का अगला लक्ष्य प्रतीत हो रहा है। चार महीने पहले यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत से पहले इस शहर की आबादी 1,07,000 के आसपास थी।

उन्होंने बताया कि युद्ध के दौरान स्लोवियांस्क ने भीषण गोलाबारी और रॉकेट हमले झेले हैं। पड़ोसी लुहांस्क प्रांत के आखिरी प्रमुख शहर पर मॉस्को के कब्जे के बाद स्लोवियांस्क में रूसी बमबारी में इजाफा हुआ है।

ल्याख ने कहा, “स्लोवियांस्क में सोमवार को रूसी गोलाबारी में कम से कम 40 घर तबाह हो गए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को शहर से बाहर निकालना जरूरी है।”

यूक्रेन की सेना ने रविवार को अपने सैनिकों को घिरने से बचाने के लिए लिसीचांस्क शहर से वापस बुला लिया। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि शहर पर कब्जे से लुहांस्क प्रांत पूरी तरह से मॉस्को के नियंत्रण में आ गया है। लुहांस्क उन दो प्रांतों में शामिल है, जिनसे मिलकर डोनबास क्षेत्र तैयार हुआ है।

हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि यूक्रेनी सेना अब भी लुहांस्क के एक छोटे हिस्से में लड़ाई लड़ रही है, ताकि आसपास के इलाकों में मोर्चा संभालने के लिए समय मिल सके।

ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि क्या रूस के पास दोनेत्स्क प्रांत पर भी कब्जा जमाकर डोनबास क्षेत्र पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल करने की क्षमता बची है।

राष्ट्रपति पुतिन ने रविवार को कहा था कि लुहांस्क में लड़ने वाले रूसी बलों को ‘कुछ देर आराम करने और अपनी युद्धक क्षमता को दोबारा मजबूत करने’ की जरूरत है।

रूसी रक्षा मंत्री ने मंगलवार को दोहराया कि यूक्रेन में युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक पुतिन द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लिया जाता।

हालांकि, उन्होंने कहा कि इस समय मॉस्को की ‘पहली प्राथमिकता’ अपने सैनिकों के ‘जीवन और सेहत’ की रक्षा करना और ‘नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष मौजूद खतरों’ से निपटना है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Associated Press (AP)

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