बेंगलुरु, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रेलवे के हलफनामे के बाद हुबली-अंकोला रेल लाइन परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा कर दिया है। रेलवे ने हलफनामे में संबंधित रेल लाइन के लिए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने और सभी आवश्यक मंजूरी के बाद ही काम शुरू करने की बात कही है। गिरिधर कुलकर्णी और अन्य की जनहित याचिकाओं में परियोजना को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि इससे क्षेत्र में बाघों का निवास टुकड़ों में बंट जाएगा। दक्षिण पश्चिम रेलवे के उप मुख्य अभियंता (निर्माण-1) ने अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर कर कहा कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) के निर्देशों के तहत भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के परामर्श से जोखिम को कम से कम करने के उद्देश्य से एक योजना तैयार की जाएगी और नया प्रस्ताव पेश किया जाएगा। हलफनामे में कहा गया कि परियोजना पर काम कानून के तहत सभी आवश्यक मंजूरी और अनुमोदन के बाद ही शुरू होगा। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले और न्यायमूर्ति एम जी एस कमल की पीठ ने बृहस्पतिवार को रेलवे द्वारा प्रस्तुत हलफनामे का संज्ञान लिया और याचिकाकर्ताओं की सहमति के बाद जनहित याचिकाओं का निपटारा कर दिया।
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