लातूर में अभिभावक संघ ने कदाचार को लेकर ग्रामीण जूनियर कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

     लातूर,  महाराष्ट्र में लातूर के जिलाधिकारी को अभिभावकों के एक संघ ने एक पत्र सौंपकर आरोप लगाया है कि जिले के ग्रामीण इलाकों में निजी जूनियर कॉलेज 12वीं कक्षा के छात्रों से मनमाना शुल्क ले रहे हैं और इसके एवज में सामूहिक नकल करा कर उन्हें अच्छे अंक दिलाने का आश्वासन दे रहे हैं।

             मराठवाड़ा पैरेंट्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को 12 जून को सौंपे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संबोधित अपने ज्ञापन में यह मांग की है कि जूनियर कॉलेजों में इस तरह का कदाचार यथाशीघ्र समाप्त किया जाए।

             ज्ञापन के अनुसार  ‘‘लातूर जिला गुणवतापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है  जो इस साल 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों से भी साबित हुआ है। समूचे राज्य से और देशभर के छात्र कक्षाओं के लिए और नीट तथा जेईई परीक्षा की तैयारियों के लिए लातूर आते हैं।’’

             इसमें कहा गया है  ‘‘शहर में मुहैया कराई जा रही शिक्षा अच्छी गुणवत्ता वाली है  लेकिन सभी छात्रों को शहर के कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता है। इसलिए  कई छात्र जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित कॉलेजों में नाममात्र का दाखिला लेते हैं और निजी कोचिंग सेंटरों की कक्षाओं में शामिल होते हैं। ग्रामीण इलाकों के कॉलेज मनमाना शुल्क वसूलते हैं और बदले में छात्रों को सामूहिक नकल कराकर अच्छे अंक दिलाने का आश्वासन देते हैं।’’

             एसोसिएशन ने कहा कि सामूहिक नकल कराने का इस तरह का कदाचार ग्रामीण इलाकों को नुकसान पहुंचा रहा है जिससे छात्रों के अभिभावकों पर न केवल वित्तीय बोझ पड़ रहा बल्कि लातूर की शिक्षा पद्धति भी बदनाम हो रही है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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