लीबिया का बांध ध्वस्त: अभियांत्रिकी विशेषज्ञ ने प्रबंधन पर उठाए सवाल

लूलिया (स्वीडन), प्रतिकूल मौसम बांध की स्थिरता को किस तरह प्रभावित करता है? बांध आमतौर पर भारी वर्षा या सूखे का सामना करने के लिए बनाए जाते हैं। बांध की डिजाइन और इसके निर्माण में आमतौर पर सभी संभावित प्रभावों को ध्यान में रखा जाता है। बांध की योजना बनाते समय निर्माण सामग्री के प्रकार, नींव की डिजाइन और बांध की स्थिरता, बाढ़ की आशंका, भूकंप और यहां तक कि सैन्य कार्रवाई सहित सभी कारकों को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा कि बांध कैसे बनाया जाता है, सुरक्षा प्रावधान भी होने चाहिए। उदाहरण के लिए तूफान के कारण होने वाली बारिश के मामलों में, अभियंताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए पानी छोड़ना चाहिए कि यह बांध की अधिकतम वहन क्षमता से अधिक ना होने पाए। लीबिया के मामले में मेरा मानना है कि बांधों का प्रबंधन अच्छा नहीं था। बांध के लिए जिम्मेदार अभियंता को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि पानी बांध की अधिकतम वहन क्षमता से अधिक ना हो। जब उन्होंने देखा कि जलाशय में भारी मात्रा में पानी प्रवेश कर रहा है तो उन्हें जलाशय का स्तर ऊपरी सीमा से कम रखने के लिए बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना चाहिए था। शोध से पता चलता है कि बांध की तबाही के मुख्य कारण नींव से जुड़ी खराबी (40 प्रतिशत), पानी की निकासी से जुड़ी अपर्याप्त संरचना (23 प्रतिशत), खराब निर्माण (12 प्रतिशत) और असमान तल (10 प्रतिशत) है। बांध के लिए जगह हमेशा समतल नहीं होती, क्योंकि बांध पर्वतीय क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, लेकिन डिजाइन करने वालों को इसे ध्यान में रखना चाहिए। बांध का डिजाइन स्थलाकृति के अनुरूप होना चाहिए। बांध की तबाही के दुर्लभ कारणों में युद्ध (तीन प्रतिशत), दोषपूर्ण सामग्री (दो प्रतिशत) और भूकंप (एक प्रतिशत) शामिल हैं। ऐसा लगता है कि लीबिया के मामले में खराब प्रबंधन ही बांध के ध्वस्त होने का कारण है। क्या इस त्रासदी को टाला जा सकता था? इसका जवाब है-हां, यदि बांधों का प्रबंधन करने वाले जिम्मेदार लोगों ने पानी छोड़ने के लिए फाटक खोल दिए होते। जब बांध के जल प्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोग भारी वर्षा की अनदेखी करते हैं तो ऐसी आपदाओं के घटित होने की उम्मीद की जा सकती है। बांध प्रबंधकों को प्रत्येक बांध के जलग्रहण क्षेत्र और वर्षा संबंधित पूर्वानुमान की जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए मौसम विज्ञानियों और बांधों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। जब भारी वर्षा की संभावना हो, तो मौसम विज्ञान विभाग को बांध प्रबंधकों को सूचित करना चाहिए, जो पानी को बांध की क्षमता के भीतर बनाए रखने के लिए पानी छोड़ने की व्यवस्था कर सकते हैं। इराक में मैंने जितने भी बांधों का अध्ययन किया है, उनमें यह एक सामान्य परिपाटी है। इस मामले में, मौसम विज्ञान विभाग और बांध का प्रबंधन करने वाले अभियंताओं के बीच निश्चत रूप से संचार टूटा होगा। अभियंता और अधिकारी आम तौर पर बांधों की संरचनात्मक अखंडता की निगरानी कैसे करते हैं? बांधों का नियमित निरीक्षण का एक कार्यक्रम होना चाहिए जो बांध के सभी हिस्सों को ध्यान में रखे। बांध वाले सभी देश (अमेरिका, इराक, स्वीडन आदि) नियमित निरीक्षण करते हैं। बांध की दीवारों में दरारें और इसकी संरचना में किसी भी बदलाव की निगरानी के लिए उपकरण होने चाहिए। एक बार पहचान हो जाने पर, उन पर तुरंत ध्यान दिया जाना चाहिए। लीबिया के मामले में यदि उन्होंने बांध के पानी को क्षमता के भीतर रखने के लिए पानी निकासी वाले फाटक खोल दिये होते, तो बांध के ध्वस्त होने से कम नुकसान हुआ होता। क्या सुरक्षा में सुधार के लिए उभरती प्रौद्योगिकियां या नवाचार हैं? कई तरह के मॉडल और प्रौद्योगिकी हैं। हर बांध का अपना खुद का मॉडल या तकनीक होती है, जिसका सुझाव डिजाइनर देते हैं। चरम मौसम संबंधी घटनाओं की योजना आमतौर पर बांध के डिजाइन के समय की जाती है। डिजाइनर को मौसम समेत विभिन्न कारकों के प्रति बांध की स्थिरता पर एक गहन रिपोर्ट देनी होती है। बांध की तबाही को रोकने के लिए बांध के जलाशय में जल स्तर के अनुसार अलग-अलग परिदृश्य सुझाए गए हैं। संबंधित सरकार को डिजाइन जानकारी के आधार पर पता होना चाहिए कि बांध टूटने की स्थिति में क्या करना है। उदाहरण के लिए इराक के मोसुल बांध को लेकर किये गये अपने अध्ययन में (जो बांध के निर्माण के बाद किया गया था) मैंने सुझाव दिया कि बहाव क्षेत्र और इसकी आबादी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नीचे की ओर एक सुरक्षा बांध बनाया जाना चाहिए। बांध बनने के बाद भी सुरक्षात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। लीबिया के मामले में खराब योजना थी और बांधों से नीचे के क्षेत्रों का इस्तेमाल आवास के लिए नहीं किया जाना चाहिए था। लीबिया के मामले में तूफान की शुरुआत पर यदि अभियंताओं ने जलाशय का पानी छोड़ा होता तो बांध को तबाह होने से रोका जा सकता था या नुकसान कम हुआ होता।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: