लीबिया में विरोधी पक्ष चुनाव वार्ता में समझौते तक पहुंचने में विफल: संयुक्त राष्ट्र

काहिरा, मिश्र की राजधानी काहिरा में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में तीसरे दौर की वार्ता के समाप्त होने के बावजूद लीबिया का विरोधी पक्ष चुनाव के मुद्दे पर किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहा। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को दी।

इस नाकामी के बाद दशक भर से जारी अराजकता झेल रहे लीबिया के लिए शांति का एक रास्ता तलाशने के लिए लिहाज से अंतरराष्ट्रीय प्रयास करना अब और जटिल हो गया है।

काहिरा में लीबिया पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार स्टेफनी विलियम्स, लीबिया के सांसदों ने रविवार देर रात चुनाव के लिए संवैधानिक संशोधनों पर अपने अंतिम दौर की बातचीत का अंत बिना किसी सफलता के किया।

बातचीत में पूर्व आधारित संसद के सांसद और पश्चिम स्थित उच्च राज्य परिषद के सांसद शामिल हुए।

विलियम्स ने एक बयान में कहा कि 12 जून को शुरू हुई वार्ता ने लीबिया में चुनाव के लिए एक संवैधानिक ढांचा स्थापित करने की मांग की थी, लेकिन दोनों पक्ष किसी सहमति पर पहुंचने में विफल रहे।

लीबियाई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि विवाद का मुख्य विषय राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए मानदंड तय करना था। त्रिपोली स्थित राज्य की उच्च परिषद ने सैन्यकर्मियों को देश के शीर्ष पद के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया। इससे यही लगता है कि यह कदम एक विभाजनकारी सैन्य नेता कमांडर खलीफा हिफ्टर को लक्ष्य करके उठाया गया है।

पिछले दिसंबर में होने वाले चुनावों में हिफ्टर ने अपनी दावेदारी की घोषणा की थी। लेकिन कई विवादों के कारण चुनाव नहीं हुआ था। काहिरा में वार्ता के दौरान पूर्व-आधारित सांसदों ने सैन्यकर्मियों को मतदान में भाग लेने की अनुमति देने का आह्वान किया। तेल समृद्ध लीबिया वर्ष 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद तानाशाह मोअम्मर गद्दाफी के मारे जाने के बाद से समस्याओं से जूझ रहा है।

लीबिया वर्षों तक पूर्व और पश्चिम के प्रतिद्वंद्वी प्रशासन के बीच विभाजित था, प्रत्येक प्रशासन को विभिन्न मिलिशिया और विदेशी सरकारों ने समर्थन दिया।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Flag_of_Libya_%281951%E2%80%931969,_3-2%29.svg

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