लोकसभा चुनाव : कल्याण कर्नाटक का इलाका भाजपा के लिए नहीं होगा आसान

बेंगलुरु, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सात जिलों वाले कल्याण कर्नाटक क्षेत्र की सभी पांच सीट पर जीत दर्ज की थी लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इलाके में मिली बढ़त को देखते हुए 2024 के आम चुनाव में उसके लिए राह आसान प्रतीत नहीं होती।

कल्याण कर्नाटक क्षेत्र या पूर्ववर्ती हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में पांच लोकसभा सीट बीदर, गुलबर्गा, रायचूर, बेल्लारी और कोप्पल आते हैं। भाजपा ने गुलबर्गा (कलबुर्गी) से उमेश जाधव और भगवंत खुबा को बीदर से एक बार फिर मैदान में उतारा है।  इस बार उसने बेल्लारी से कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु और कोप्पल से डॉ. बसवराज क्यावतर पर दांव लगाया है। पार्टी ने अभी तक रायचूर से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 

कांग्रेस ने अभी तक इन पांच लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी 20 मार्च को इन सीट से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी। 

यदि विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को संकेत माना जाए, तो 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 17 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 19 सीट हासिल की थीं। जनता दल सेक्युलर ने भी यहां से चार स्थानों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 26 सीट पर जीत दर्ज कर अपनी स्थिति मजबूत की थी, जबकि भाजपा को 10 सीट मिली थीं। जद (एस) ने दो सीटें हासिल कीं जबकि दो अन्य ने भी क्षेत्र से जीत हासिल की।

भाजपा की इलाके में 2018 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 2023 में लोकप्रियता काफी कम हो गई थी। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने बेल्लारी (सभी पांच सीटें), रायचूर (सात में से चार), यादगीर (चार में से तीन), विजयनगर (चार में से दो) और कोप्पल (पांच में से तीन) में अच्छा प्रदर्शन किया। बीदर ने 2023 में छह विधानसभा सीटों में से चार सीटें देकर भाजपा का समर्थन किया, वहीं कलबुर्गी (तत्कालीन गुलबर्गा) ने नौ में से सात सीट कांग्रेस को देकर भूमिपुत्र एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का समर्थन किया। कर्नाटक विधानसभा के लिए 2018 में हुए चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि 2019 में पूरे देश में मोदी लहर चली। कांग्रेस और जद (एस) की गठबंधन सरकार के खराब प्रदर्शन ने भाजपा को फायदे वाली स्थिति में ला दिया, और उसने 28 लोकसभा सीट में से 25 पर जीत हासिल की।

लोकसभा चुनाव-2019 में भाजपा जब लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटी तो कांग्रेस और जद(एस)की 16 महीने पुरानी गठबंधन सरकार जून 2019 में गिर गई और भाजपा कर्नाटक में सत्ता में आई। इसने लगभग चार वर्षों तक राज्य पर शासन किया। भाजपा 2023 में अपनी लोकप्रियता बरकरार नहीं रख सकी और इसका असर कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में भी देखने को मिला। देखना होगा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपनी 

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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