वाहन कलपुर्जा उद्योग की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में पांच-सात प्रतिशत रहेगी : इक्रा

मुंबई रेटिंग एजेंसी इक्रा ने लाल सागर संकट से माल-ढुलाई की लागत और समय बढ़ने के कारण अगले कुछ तिमाहियों में वाहन कलपुर्जा उद्योग के मार्जिन पर असर पड़ने की आशंका जताते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष में उद्योग वृद्धि मामूली रहने का ही अनुमान है। देश से होने वाले वाहन कलपुर्जा निर्यात का लगभग दो-तिहाई हिस्सा उत्तरी अमेरिका और यूरोप को किया जाता है जबकि इन इलाकों से एक-तिहाई आयात किया जाता है। इक्रा रेटिंग्स ने बयान में कहा ‘‘लाल सागर से होने वाले समुद्री परिवहन मार्ग पर व्यवधान के कारण इस साल कंटेनर ढुलाई दरें 2023 की तुलना में दो से तीन गुना बढ़ गई हैं। इसके अलावा वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल करने की वजह से माल ढुलाई में लगने वाले समय भी दो सप्ताह बढ़ गया है।’’ इसके साथ ही इक्रा का मानना है कि वाहन कलपुर्जा उद्योग की तरलता की स्थिति सुविधाजनक बनी हुई है खासकर अग्रणी कंपनियों के स्थिर नकदी प्रवाह और आय से इसे समर्थन हासिल है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारतीय वाहन कलपुर्जा उद्योग के राजस्व में वृद्धि की दर पिछले वित्त वर्ष के 14 प्रतिशत के उच्चस्तर से घटकर चालू वित्त वर्ष में पांच से सात प्रतिशत तक रह जाएगी। इक्रा लिमिटेड में उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट रेटिंग) और क्षेत्र प्रमुख विनुता एस ने कहा ‘‘घरेलू मूल उपकरण विनिर्माताओं की मांग भारतीय वाहन कलपुर्जा उद्योग की बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक है और इस खंड में वृद्धि की रफ्तार 2024-25 में मध्यम रहने की उम्मीद है।’’ यह वृद्धि अनुमान 46 वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है। इन कंपनियों का वित्त वर्ष 2023-24 में कुल वार्षिक राजस्व तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार वाहनों की उम्र बढ़ने और वैश्विक बाजारों में पुराने वाहनों की बिक्री बढ़ने से विदेशी बाजारों में कलपुर्जों के निर्यात में भी मदद मिलने की उम्मीद है। इक्रा के मुताबिक कंपनियां क्षमता वृद्धि और आगामी नियामकीय बदलावों के लिए पूंजीगत व्यय नए उत्पादों प्रतिबद्ध मंचों के लिए उत्पाद विकास और उन्नत प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों के विकास पर करेंगी।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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