विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने जर्मनी को सुनामी चेतावनी में भारत की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करने को कहा

बर्लिन, भारत ने सोमवार को जर्मनी के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग में विस्तार का प्रस्ताव रखा जिसमें समुद्र के अंदर होने वाले भूस्खलन से आने वाली ‘असामान्य सुनामी’ पर अनुसंधान बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने जर्मन की अपनी समकक्ष स्टेफी लेमके के साथ बातचीत के दौरान जर्मनी को सुनामी तथा संबंधित आपदाओं के लिए जल्द चेतावनी की प्रणालियों के क्षेत्र में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया।

सिंह ने लेमके से कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन-अंतरसरकारी समुद्र विज्ञान आयोग (यूनेस्को-आईओसी) के तहत एक सुनामी सेवा प्रदाता के तौर पर पहचान मिली है।

सिंह ने 2070 तक शून्य कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के कॉप-26 सम्मेलन में दिये गये आश्वासन को पूरा करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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