आरबीआई ने राज्यों के लिए 51,560 करोड़ रुपये की अंतरिम डब्ल्यूएमए सीमा को सितंबर तक बढ़ाया

मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को राज्यों के लिए 51,560 करोड़ रुपये की अंतरिम अर्थोपाय अग्रिमों (डब्ल्यूएमए) की सीमा को सितंबर तक बढ़ा दिया, ताकि उन्हें कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से पैदा हुए वित्तीय तनाव से निपटने में मदद मिल सके।

डब्ल्यूएमए आरबीआई द्वारा राज्यों को दी जाने वाली अल्पकालीन उधार है, ताकि आय और व्यय के अंतर को पूरा किया जा सके।

डब्ल्यूएमए दो तरह के होते हैं – सामान्य और विशेष। सामान्य डब्ल्यूएमए शुद्ध उधारी की तरह होते हैं, जबकि विशेष डब्ल्यूएमए को भारत सरकार की प्रतिभूतियों के बदले दिया जाता है और इन्हें अधिक सुरक्षित माना जाता है।

इसके साथ ही आरबीआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल डब्ल्यूएमए सीमा को बढ़ाकर 47,010 करोड़ रुपये प्रति वर्ष कर दिया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हमने रिजर्व बैंक द्वारा गठित एक सलाहकार समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है, जो राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की डब्ल्यूएमए सीमा की समीक्षा और अन्य मुद्दों के संबंध में थीं।’’

इसके अनुसार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल डब्ल्यूएमए सीमा को बढ़ाकर 47,010 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया गया है, जो फरवरी 2016 में तय 32,225 करोड़ रुपये की सीमा के मुकाबले 46 प्रतिशत अधिक है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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