विदेशी एयरलाइन को जीएसटी नोटिस भारत की मजबूत विमानन क्षमता को कमजोर कर सकते हैं:आईएटीए

नयी दिल्ली वैश्विक एयरलाइन समूह आईएटीए ने भारत में उड़ान भरने वाली कुछ विदेशी एयरलाइन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने पर मंगलवार को चिंता जाहिर की और कहा कि इससे देश की मजबूत विमानन क्षमता प्रभावित हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) ने सरकार से इस मामले को सुलझाने का आग्रह किया और कहा कि वह इस बात से निराश है कि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने इस मामले पर उद्योग द्वारा कई अभ्यावेदन दिए जाने के बावजूद भारत में परिचालन करने वाली कुछ विदेशी एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आईएटीए भारतीय एयरलाइन कंपनियों सहित 330 से अधिक एयरलाइन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्यों की वैश्विक हवाई यातायात में 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। आईएटीए के उत्तर एशिया एवं एशिया प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष (अंतरिम) शी जिंगक्वान ने बयान में कहा ‘‘ डीजीजीआई का यह दावा कि विदेशी एयरलाइन (जिनके भारत में शाखा कार्यालय हैं) के मुख्यालयों द्वारा हवाई परिवहन सेवाएं प्रदान करने के दौरान किए गए व्यय पर जीएसटी लागू होना चाहिए…यह त्रुटिपूर्ण है। इसमें अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन के प्रावधान में शामिल प्रकृति तथा परंपराओं को ध्यान में नहीं रखा गया है।’’ उन्होंने कहा कि भारत ऐसा करने वाला अकेला देश है। विश्व में कहीं भी ऐसा नहीं होता। शी जिंगक्वान ने कहा ‘‘ भारत से बाहर के गंतव्यों के लिए उड़ान भरने वाली भारतीय विमानन कंपनियों को ऐसी स्थिति या मांग का सामना नहीं करना पड़ता है।’’ डीजीजीआई की जांच के दायरे में करीब 10 विदेशी एयरलाइन हैं। इन एयरलाइन को अक्टूबर 2023 से नोटिस मिल चुके हैं। आईएटीए ने इस मामले पर भारत सरकार को एक विस्तृत प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया था।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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