विनेश के सुनहरे ओलंपिक सफर का दुखद अंत, वजन अधिक होने से अयोग्य घोषित

पेरिस सेमीफाइनल जीतने के बाद विनेश ने कहा था ‘ कल बड़ा दिन है कल बात करूंगी ।’ लेकिन किसे पता था कि उनके साथ पूरे देश की उम्मीदें यूं सौ ग्राम के बोझ तले दब जायेंगी । पेरिस ओलंपिक में देश को स्वर्ण दिलाने से एक जीत की दूरी पर खड़ी विनेश फोगाट 50 किलोवर्ग के फाइनल में वजन के लिये खड़ी हुई तो उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला जिससे वह अपने कैरियर के सबसे बड़े दिन अयोग्य करार होकर ओलंपिक से बाहर हो गई । भारतीय अधिकारियों ने सौ ग्राम वजन कम करने के लिये लाख गुहार लगाई लेकिन नियम बदला नहीं जा सकता था । इससे विनेश का ओलंपिक में सुनहरा सफर यूं दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से खत्म हो गया । विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था । सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन अब वह बिना किसी पदक के लौटेंगी । 29 वर्ष की विनेश को खेलगांव में पोली क्लीनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी । भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी टी उषा ने एक बयान में कहा ‘‘ मैने खेलगांव पोली क्लीनिक में विनेश से मुलाकात की । उन्हें आश्वस्त किया कि भारतीय ओलंपिक संघ भारत सरकार और पूरा देश उनके साथ है । हम उन्हें पूरा चिकित्सा और भावनात्मक सहयोग दे रहे हैं ।’’ उन्होंने कहा ‘‘ भारतीय कुश्ती महासंघ ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू में अपील कर दी है कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाये । आईओए उस पर नजर रखे हुए है ।’’ विनेश ने पहले ही मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन युइ ससाकी को हराया था । उन्हें फाइनल में अमेरिका की सारा एन हिल्डब्रांट से खेलना था । सेमीफाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज अब उनकी जगह फाइनल खेलेगी । भारतीय दल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दिनशॉ पर्डीवाला ने कहा कि विनेश को निर्धारित वजन के भीतर लाने की हरसंभव कोशिश की गई । उन्होंने कहा ‘‘ इसके तहत खाने पीने में कटौती पसीना बहाने वाले व्यायाम और सौना बाथ भी दिया गया । इससे उसकी ऊर्जा खत्म हो गई और उसे कमजोरी लग रही थी । ऊर्जा बहाल करने के लिये थोड़ा पानी और ऊर्जा देने वाला खाना दिया गया । कई बार प्रतिस्पर्धा के बाद रिबाउंड वजन बढ भी जाता है ।’’ उन्होंने कहा ‘‘ मुकाबले के बाद उसका वजन बढ गया था । कोच ने वजन कम करने की सामान्य प्रक्रिया अपनाई और लगा कि लक्ष्य हासिल हो जायेगा । उसके बाल भी काटे गए लेकिन उसका वजन कम नहीं हुआ ।’’ युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों के अनुसार पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार होता है । नियम के अनुसार )‘‘ अगर कोई खिलाड़ी पहली और दूसरी बार वजन कराने के समय उपस्थित नहीं होता या अयोग्य होता है तो उसे स्पर्धा से बाहर कर दिया जायेगा और वह आखिरी स्थान पर रहेगा । उसे कोई रैंक नहीं मिलेगी ।’’ पेरिस ओलंपिक आयोजन समिति ने एक बयान में कहा ‘‘ विनेश दूसरे दिन कराये गए वजन में अयोग्य पाई गई । अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के नियमों की धारा 11 के अनुसार विनेश ( भारत ) की जगह उस पहलवान को दी जायेगी जिसे उसने सेमीफाइनल में हराया था । इसी वजह से क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को फाइनल खेलने का मौका दिया गया है ।’’इसमें कहा गया ‘‘ जापान की युइ सुसाकी और यूक्रेन की ओकसाना लिवाच के बीच रेपेशॉज मुकाबला कांस्य पदक का होगा ।’’ इससे पहले इटली की एमैन्युएला लियुजी को भी वजन अधिक पाये जाने के कारण पहले दौर का मुकाबला गंवाना पड़ा था । भारतीय कुश्ती दल इस घटनाक्रम से मायूस है । विनेश ने ओलंपिक से पहले कहा था कि यह उनका आखिरी ओलंपिक है और अब देखना है कि वह फैसला बदलती है या नहीं । भारत के राष्ट्रीय महिला कोच वीरेंदर दहिया ने कहा ‘ हर किसी को लग रहा है मानो घर में कोई मर गया हो । हमें नहीं पता कि हमें क्या हुआ है । हर कोई सदमे में है ।’’ अगर पहलवान के शरीर का वजन भारवर्ग से अधिक है तो उस स्तर तक लाना काफी दर्दनाक प्रक्रिया है । विनेश के शरीर का वजन 56 . 57 किलो है और उसे 50 किलो तक आने में काफी प्रयास लगे । आमंत्रण टूर्नामेंट में यूडब्ल्यूडब्ल्यू दो किलो की छूट देता है लेकिन ओलंपिक विश्व चैम्पियनशिप और एशियाई चैम्पियनशिप में नहीं । वजन कम करने के लिये खिलाड़ी दो दिन तक खाना और पानी के बिना भी रह जाते हैं । मुक्केबाज निकहत जरीन ने पेरिस ओलपिक में हार के बाद कह था कि भारवर्ग में रहने के लिये उसने दो दिन तक खाना या पानी नहीं लिया जिससे वह कमजोरी महसूस कर रही थी ।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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