नयी दिल्ली, जर्मनी के बर्लिन में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप प्रतियोगिता के कंपाउंड वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ियों अदिति गोपीचंद स्वामी, ज्योति सुरेखा वेन्नम तथा ओजस देवताले को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए राज्यसभा में सोमवार को बधाई दी गई। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने अदिति गोपीचंद स्वामी को बधाई देते हुए कहा कि जूनियर विश्व खिताब जीतने के दो महीने से भी कम समय में भारत की 17 वर्ष की अदिति विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के कंपाउंड महिला फाइनल में शनिवार को सबसे कम उम्र में सीनियर विश्व चैंपियन बन गईं। सतारा की 12वीं कक्षा की छात्रा अदिति ने जुलाई में लिमरिक में युवा चैंपियनशिप में अंडर-18 का खिताब जीता था। धनखड़ ने कहा कि अदिति इस स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली खिलाड़ी हैं और पूरा देश उनकी इस उपलब्धि से गौरवान्वित हुआ है। विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के कंपाउंड महिला फाइनल में शनिवार पांच अगस्त को छठी वरीयता प्राप्त अदिति ने मैक्सिको की एंड्रिया बेसेरा को हराया। सभापति ने कहा कि इसी स्पर्धा में ओजस देवताले ने पुरुषों के कंपाउंड वर्ग में 150 के सटीक स्कोर के साथ खिताब जीता। उन्होंने तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अदिति और देवताले दोनों सतारा में एक ही अकादमी में कोच प्रवीण सावंत की देखरेख में प्रशिक्षण लेते हैं। सभापति ने कहा कि न केवल खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और उनका समर्पण सराहनीय है बल्कि उन्हें प्रशिक्षण देने वाले कोच प्रवीण सावंत भी इस उपलब्धि के लिए बधाई के पात्र हैं। सदन में मौजूद सदस्यों ने मेजें थपथपा कर खिलाड़ियों को बधाई दी।
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