श्रीलंका में न्यायालय ने संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ सुनवाई पूरी की

कोलंबो, श्रीलंका में उच्चतम न्यायालय ने सरकार के प्रस्तावित 20वें संविधान संशोधन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली। इस संशोधन का मकसद राष्ट्रपति के अधिकारों में वृद्धि करना है।

सुनवाई के चौथे दिन अटॉर्नी जनरल ने दलीलें पेश कीं। इसके बाद न्यायालय की पांच-सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि अगर उनकी कोई दलील बाकी है तो वे मंगलवार को दोपहर बाद तीन बजे तक लिखित दलीलें पेश करें।

विवादास्पद विधेयक की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए कुल 39 याचिकाएं न्यायालय में दायर की गयी हैं।

सरकार ने दो सितंबर को नए प्रस्तावित कानून 20ए को प्रकाशित किया था जो 2015 में पेश 19 वें संशोधन की जगह लेगा। पिछले संशोधन में राष्ट्रपति की शक्तियों पर अंकुश लगाते हुए और संसद के अधिकारों को मजबूत बनाया गया था।

इन याचिकाओं पर विचार करने के लिए प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या की अध्यक्षता में पांच-सदस्यीय पीठ का गठन किया गया था।

इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई 29 सितंबर को शुरू हुई और न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली।

सभी याचिकाओं में यह दलील दी गयी है कि अगर 20ए संशोधन लागू किया जाता है तो नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित होंगे।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

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