संरा के शीर्ष नेताओं ने ‘चंद्रयान 3’ की सफलता को बताया मानवता के लिए बड़ा कदम, विशाल उपलब्धि

संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेताओं ने भारत को उसके चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की सफलता पर बधाई दी और इसे मानवता के लिए एक ‘विशाल कदम’ और ‘महान उपलब्धि’ करार दिया। भारत का चंद्रयान-3, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन बन गया है। चंद्रयान-3, रूस के मानव रहित लूना-25 अंतरिक्ष यान के अनियंत्रित होकर चंद्रमा से टकरा जाने के कुछ दिनों बाद चांद पर सफलतापूर्वक उतर गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की एसोसिएट प्रवक्ता फ्लोरेंसिया सोटो नीनो ने चांद पर भारत के इस मिशन को बेहद रोमांचक करार दिया।नीनो ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ” हम भारत को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बनने पर बधाई देते हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है, जिसे दुनिया भर के ढेर सारे लोगों ने देखा।” उन्होंने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र ने अंतरिक्ष में, विशेष रूप से बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में बहुत गहन रुचि ली है और हम भारत की, उसकी अंतरिक्ष खोज में अपार सफलता की कामना करते हैं।”संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष साबा कोरोसी ने एक ट्वीट में कहा, ”चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ‘चंद्रयान-3’ के सफलतापूर्वक उतरने पर भारत के इसरो को बधाई। मानवता, विज्ञान और नवाचार के लिए एक विशाल कदम। भारत के लिए एक विशाल कदम।” कोरोसी की प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने संवाददाताओं से कहा कि अध्यक्ष इस उपलब्धि पर भारत को बधाई देते हैं।उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के एक सवाल के जवाब में कहा कि महासभा के अध्यक्ष कार्यालय में भारतीय सहकर्मी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मना रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने इसरो के चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर ऐतिहासिक लैंडिंग के लिए भारत के लोगों को ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा, ” अमेरिका-भारत अंतरिक्ष सहयोग को और बढ़ाने के लिए तत्पर हूं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में एक साथ मिलकर हमारा काम भी शामिल है।” संयुक्त राष्ट्र की पूर्व महिला सहायक महासचिव एवं उप कार्यकारी निदेशक अनीता भाटिया ने कहा कि भारत की वैज्ञानिक शक्ति और उसने जो हासिल किया है वह वास्तव में पूरी मानवता के लिए किसी उपहार से कम नहीं है। उन्होंने इस उल्लेखनीय उपलब्धि में योगदान देने वाली महिला वैज्ञानिकों की भी सराहना की। इसरो ने बुधवार, 23 अगस्त को को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है।इससे पहले अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और चीन के नाम ही यह रिकॉर्ड था, लेकिन ये देश भी अब तक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर विजय प्राप्त नहीं कर पाए हैं। हालांकि, भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने यह साहसिक कारनामा सफलतापूर्वक कर दिखाया है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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